देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय रेल ने अपनी सवारी बोगियों को आइसोलेशन कोच में बदलने का फैसला किया था. मंगलवार को भारतीय रेलवे ने कहा कि रेलवे अपने 20,000 पैंसेजर ट्रेन कोचों को क्वारंटाइन केंद्रों में तब्दील करेगा, ताकि बुरी स्थिति में 3.2 लाख से ज्यादा बेडों की व्यवस्था की जा सके. नेशनल ट्रांस्पोर्टर ने कहा, भारतीय रेलवे द्वारा निर्णय लिया गया है कि देश में क्वारंटाइन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 20,000 कोचों को क्वारंटाइन या आइसोलेशन कोच में बदला जाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने के लिए सशस्त्र बल मेडिकल सेवा, कई जोन के मेडिकल विभाग, आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य मंत्रालय से परामर्श लिया गया. मंत्रालय के बयान के अनुसार, इन मोडिफाइड 20,000 कोचों में 3.2 लाख संभावित बेड की व्यवस्था की जा सकती है. बयान के अनुसार, 5000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का काम पहले ही शुरू किया जा चुका है.
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इन कोचों में 5 हजार से 80 हजार बेडों की क्षमता
बयान के अनुसार, इन 5000 कोचों में 80,000 बेडों तक की क्षमता है और एक कोच में आइसोलेशन के लिए 16 बेड है. रेलवे ने इस कार्य पर तत्काल प्रभाव से काम करना भी शुरू कर दिया गया. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में भारतीय रेल ने कुछ सवारी डिब्बों को आइसोलेशन कोच में बदल भी दिया है. रेलवे ने सवारी डिब्बों के एक कंपार्टमेंट में मौजूद रहने वाली कुल 8 सीटों में से 6 सीटों को निकाल दिया है. आइसोलेशन वॉर्ड के लिए बोगियों के एक कंपार्टमेंट में केवल दो सीट ही रखी गई है.
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नहाने की भी की गई है व्यवस्था
इसके अलावा रेलवे ने बोगियों में लगी हुई सीढ़ियों को भी हटा दिया है. तस्वीरों में आप देखेंगे कि ट्रेन की बोगी में एक तरफ की तीनों सीटों को हटा दिया गया है, जबकि एक ओर की बीच वाली सीट को हटाकर मरीजों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड बनाए गए हैं. इतना ही नहीं, रेलवे ने बोगियों में बनाए गए आइसोलेशन वॉर्ड के साथ ही मरीजों के लिए साफ-सुथरे टॉयलेट का भी प्रबंध किया है. टॉयलेट में नई टोटियों के अलावा नहाने के लिए बाल्टी भी रखी गई है.