विगत मई से चीन (China) से जारी तनाव के बीच भारत अपनी सामरिक शक्ति बढ़ाने में लगा हुआ है. इस कड़ी में गुरुवार सुबह भारत ने एक ऐसी मिसाइल (Missile) का परीक्षण किया है, जो 10 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के टैंक को ध्वस्त करने में सक्षम है. राजस्थान के पोखरण (Pokhran) में किए गए परीक्षण के परिणामों को देख इस मिसाइल का अगले दो महीने में परीक्षण किया जा सकेगा. चीन से चल रही तनातनी के बीच मिसाइल का यह परीक्षण भारत की वाह्य सुरक्षा के लिहाज से मील का पत्थर करार दिया जा सकता है.
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इसका पूरा नाम है स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक मिसाइल (संत)
इस स्वदेशी मिसाइल का नाम स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक मिसाइल (संत) है. उम्मीद की जा रही है कि वह भारतीय वायु सेना के रूसी मूल के एमआई -35 हमले के हेलीकॉप्टरों को एक बेहतर स्टैंड से दुश्मन के कवच को नष्ट करने की क्षमता के साथ उन्हें मार सकेगी और ऑफ रेंज को बेहतर बनाएगी. फिलवक्त एमआई-35 पर मौजूदा रूस की शटर्म मिसाइल 5 किमी की रेंज में टैंकों को निशाना बना सकती है. गनशिप के अन्य हथियारों में अलग-अलग कैलिबर के रॉकेट, 500 किलोग्राम के बम, 12.7 एमएम की बंदूकें और 23 एमएम की तोप शामिल हैं. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है.
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दिसंबर में एमआई-35 से लांच होगी मिसाइल
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र के मुताबिक इस मिसाइल को दिसंबर में पहली बार एमआई-35 हेलिकॉप्टर गनशिप से लांच किया जाएगा. गुरुवार को मिसाइल के सफल परीक्षम के बाद एमआी-35 गनशिप से मिसाइल के पहले परीक्षण के लिए तैयारियां की जा रही हैं. हवाई-लांच किए गए परीक्षणों की एक सीरीज अगले साल का होगी जिसके बाद मिसाइल लांच के लिए तैयार हो जाएगी. योजना के तहत 2021 के अंत तक ऑपरेशनल घोषित होने से पहले आठ से 10 बार हेलीकॉप्टर से नई मिसाइल से हमले का परीक्षण करने की है.
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मौजूदा मिसाइलें
गौरतलब है कि डीआरडीओ द्वारा विकसित मौजूदा एंटी-टैंक मिसाइलें नाग और हेलिना की 5 किमी से कम की रेंज हैं, जबकि नाग मिसाइल को संशोधित इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन से लांच किया गया है. हेलिना या हेलीकॉप्टर-आधारित नाग ध्रुव हेलीकॉप्टर पर बढ़ने के लिए है और ये 5 किमी दूर तक लक्ष्य को मार सकता है. ओडिशा के तट पर सोमवार को एक ग्राउंड लांचर से संत मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया.
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13वां फायरिंग परीक्षण
यहां यह ध्यान रखना है कि चीन के साथ तनाव के बीच दो महीने में किया गया है ये 13वां फायरिंग परीक्षण है. 19 अक्टूबर को हुए परीक्षण में न तो रक्षा मंत्रालय और न ही डीआरडीओ ने कोई सार्वजनिक घोषणा की. भारत द्वारा हाल ही में किए गए प्रमुख परीक्षणों में लंबी दूरी पर पनडुब्बियों को लक्षित करने के लिए टॉरपीडो की सुपरसोनिक मिसाइल-सहायता से मुक्त रिहाई. इसे 750 किमी की रेंज के साथ परमाणु-सक्षम हाइपरसोनिक शौर्य मिसाइल का एक नया संस्करण और विकिरण-रोधी मिसाइल लांच भी शामिल है.