इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने CAA की अधिसूचना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो नई याचिकाएं दायर की हैं. IUML ने केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के लागू होने के लिए जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है. इससे पहले CAA को लेकर देशभर में चले प्रदर्शन के बाद केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी. केरल सरकार का कहना है कि यह एक्ट भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन करता है. इस याचिका में CAA को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है. 22 जनवरी को मामले की सुनवाई होगी.
केंद्र सरकार की ओर से CAA को लेकर जारी अधिसूचना में लिखा गया है कि केंद्रीय सरकार, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 जनवरी 2020 को उस तारीख के रूप में नियत करती है, जिसको उक्त अधिनियम के उपबंध प्रवृत होंगे.
संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पास करवाया. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन चुका है. सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इसके बाद अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी. अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था.
Source : News Nation Bureau