विदेश में फंसे जिन भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों के जरिए वापस लाया जाएगा, उन्हें यहां पहुंचने पर 'आरोग्य सेतु' मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा और इस पूरे अभियान के लिए विस्तृत प्रक्रियाएं जारी की जाएंगी. गृह मंत्रालय की एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी मजूदरों के लिए अब तक 62 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें करीब 70,000 लोग यात्रा कर चुके हैं.
पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने दैनिक प्रेसवार्ता में संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार को ऐसी 13 और ट्रेनें चलाए जाने की उम्मीद है. विदेश में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने की योजना के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि विभिन्न देशों के दूतावास सूची तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विमानों अथवा नौसेना के जहाजों के जरिए आने वाले लोगों को इसके लिए भुगतान करना होगा.
श्रीवास्तव ने कहा कि विमान में सवार होने से पहले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और बीमारी के लक्षण नहीं होने वालों को ही अनुमति मिलेगी. हर यात्री को स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत वापस आने पर यात्रियों को आरोग्य सेतू ऐप पर पंजीकृत होना होगा. उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और संबंधित राज्य सरकारें भुगतान के आधार पर उन्हें अस्पताल अथवा अन्य संस्थानों में पृथक-वास में रखेंगी.
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राज्य सरकारों को इन यात्रियों के लिए परिवहन सुविधा के साथ ही जांच और पृथक-वास में रखने की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है. अधिकारी ने कहा कि इस बारे में विदेश मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से विस्तृत विवरण जारी किया जाएगा. उन्होंने साफ किया कि ऐसे यात्रियों की जांच की जाएगी और उन्हें 14 दिन के पृथक-वास में रहना होगा. साथ ही उन्हें पृथक-वास की सुविधा का भुगतान भी करना होगा. इसके साथ ही आने आने वाले लोगों को लॉकडाउन के तहत लागू सभी नियमों का पालन करना होगा.