Advertisment

शहीद मेजर के जीवन का संदेश भारतीयों को नहीं भूलना चाहिए : अदीवी सेष

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन उन कई शहीदों में से एक थे, जिन्होंने 2008 में 26/11 के ऑपरेशन के दौरान देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. हो सकता है कि वह स्कूली पाठ्यपुस्तकों में दर्ज किए गए गुमनाम नायकों में से एक हों. लेकिन एक युवक जिसने अपने बारे में ऐसी ही एक पाठ्यपुस्तक में अनसंग हीरोज नामक अध्याय में पढ़ा था, उसे अपने जीवन का मिशन बना लिया था ताकि मेजर उन्नीकृष्णन को वह गौरव मिले जिसके वे हकदार थे. यह राजनेताओं की तुच्छता से परे था.

author-image
IANS
New Update
Mumbai Attack

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

Advertisment

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन उन कई शहीदों में से एक थे, जिन्होंने 2008 में 26/11 के ऑपरेशन के दौरान देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. हो सकता है कि वह स्कूली पाठ्यपुस्तकों में दर्ज किए गए गुमनाम नायकों में से एक हों. लेकिन एक युवक जिसने अपने बारे में ऐसी ही एक पाठ्यपुस्तक में अनसंग हीरोज नामक अध्याय में पढ़ा था, उसे अपने जीवन का मिशन बना लिया था ताकि मेजर उन्नीकृष्णन को वह गौरव मिले जिसके वे हकदार थे. यह राजनेताओं की तुच्छता से परे था.

यह युवा अदीवी सेष का सपना था, जिन्होंने अपने प्रारंभिक वर्षो को कैलिफोर्निया में बिताया था, यह सुनिश्चित करने के लिए कि मेजर उन्नीकृष्णन एक कृतज्ञ राष्ट्र के दिलों में हमेशा के लिए जीवित रहें. टॉलीवुड अभिनेता ने ऐसा तब किया जब उन्हें ऐसा करने का अवसर मिला, जब उन्हें इस साल मई में रिलीज हुई मेजर नामक बायोपिक की शीर्षक भूमिका में स्क्रिप्टिंग और एक्टिंग करने का मौका मिला.

नेशनल सिक्युरिटी गार्ड्स (एनएसजी) के 51 स्पेशल एक्शन ग्रुप में प्रतिनियुक्ति पर सेवारत भारतीय सेना के अधिकारी, मेजर उन्नीकृष्णन की मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल में छिपे पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ उनकी वीरतापूर्ण लड़ाई के कारनामों को अमर कर देता है.

मेजर उन्नीकृष्णन ने 28 नवंबर, 2008 को अपने जीवन का बलिदान दिया और उन्हें गणतंत्र दिवस 2009 को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च पीकटाइम वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.

सेष ने कड़ी मेहनत के बाद और शहीद के माता-पिता तक पहुंचने के बाद मेजर के पेशेवर और व्यक्तिगत ऑन-स्क्रीन कैरेक्टर को विकसित किया. यह एक ऐसा पवित्र बंधन था जिसे अभिनेता अभी भी संजोए हुए हैं.

सेष ने आईएएनएस को बताया, मैं 26 तारीख को मुंबई जा रहा हूं, और मैं स्मारक पर चाचा और अम्मा <मेजर उन्नीकृष्णन के माता-पिता> के साथ रहूंगा. मुझे लगता है कि मेजर संदीप सर मेरे लिए यही मायने रखते हैं, यही फिल्म मेरे लिए मायने रखती है और यही उन्होंने मेरे लिए किया. मेजर ने मेरी जिंदगी बदल दी है और उन्होंने मेरी जिंदगी को आशीर्वाद दिया है. मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा.

सेष ने कहा, अभिनेता मेजर को पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों तरह से जीवन बदलने वाला अनुभव मानते हैं. धर्म, जाति और भाषा के आधार पर विभाजनों से चिह्न्ति एक राष्ट्र में, बड़े पर्दे के अनुकूलन ने दिवंगत मेजर उन्नीकृष्णन को सभी बाधाओं के बावजूद सभी भारतीयों के करीब ला दिया है.

अभिनेता ने कहा, मुझे याद है कि सीबीएसई की पाठ्यपुस्तक में अनसंग हीरोज नामक अध्याय में मेजर संदीप के बारे में पढ़ा था. यह एक ऐसा क्षण था कि हर कोई उनके नाम का गान करता था. यह मेरे लिए बहुत मायने रखता था.

जैसा कि देश 26/11 के आतंकवादी हमलों की 14वीं वर्षगांठ मना रहा है, सेष ने कहा कि मेजर उन्नीकृष्णन के बलिदान में सभी भारतीयों के लिए बड़ा सबक है.

सेष ने कहा, मुझे लगता है कि उनके बलिदान को याद रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी महसूस करें कि हम सभी अपने देश के लिए कुछ कर सकते हैं और इसके बारे में सिर्फ 26/11 या 26 जनवरी या 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय अवकाश के बारे में नहीं सोचें. लक्ष्य हमारे जीने और काम करने के तरीके से अपने देश के बारे में सोचना है. यह कुछ ऐसा है जो मैंने मेजर की भूमिका निभाने से सीखा है और मुझे उम्मीद है कि देश भी ऐसा ही सोचेगा.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Mumbai Attack news nation tv nn live Adivi Sesh Martyr Major
Advertisment
Advertisment