Advertisment

भारत के वाटवानी और वांग्चुक को मिला मैग्सेस पुरस्कार, जानें क्या किया इन्होंने काम

भारतीय मूल के दो व्यक्तियों सोनम वांग्चुक और भारत वाटवानी को शुक्रवार यानी आज रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
भारत के वाटवानी और वांग्चुक को मिला मैग्सेस पुरस्कार, जानें क्या किया इन्होंने काम

भारत के वाटवानी और वांग्चुक को मिला मैग्सेस पुरस्कार

Advertisment

भारतीय मूल के दो व्यक्तियों सोनम वांग्चुक और भारत वाटवानी को शुक्रवार यानी आज रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रेमन मैग्सेसे को एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है। मनीला में एक समारोह में कंबोडियाई कार्यकर्ता यौक छांग, फिलीपींस के हॉवार्ड डी, वियतनाम के वो थी होआंग येन और पूर्वी तिमोर की मारिया डे लौर्डेस मार्टिस क्रूज को भी उल्लेखनीय काम करने के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

और पढ़ें : 2021 जनगणना : आजाद भारत में पहली बार सरकार अलग से OBC डेटा जुटाएगी

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष कार्मेटिका एबेला ने कहा, 'बड़े मुद्दों पर बात करने से सभी डरते हैं। सभी ने कम संसाधनों, कठिनाइयों और विरोध के बावजूद हार मानने से इंकार कर दिया।'

वाटवानी ने अपना जीवन भारत की गलियों में मानसिक रूप से बीमार लोगों को बचाने में समर्पित कर दिया है। एक अनुमान के अनुसार इनकी संख्या चार लाख के आसपास है। वाटवानी उन्हें आश्रय देने के साथ-साथ श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन के माध्यम से उनका इलाज कर रहे हैं।

वाटवानी ने 1988 से अब तक लगभग 7,000 मानसिक मरीजों को ठीक कर उन्हें उनके परिजनों से मिला चुके हैं।

वांगचुक को उत्तर भारत के सुदूर लद्दाख के युवाओं को व्यवस्थित और सृजनात्मक पढ़ाई से उनका जीवन सुधारने के लिए जाना जाता है।

और पढ़ें : लॅा कमिशन ने यूनिफॅार्म सिविल कोड पर मोदी सरकार को दिया करारा झटका, जानें क्यों

Source : News Nation Bureau

Sonam Wangchuk magsaysay award 2018 bharat vatwani
Advertisment
Advertisment