NCRTC द्वारा भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवाओं को 'RAPIDX' नाम दिया गया है. ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए की जा रही हैं. रफ्तार और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में X अगली पीढ़ी को दर्शाता है. ये प्रौद्योगिकी के नए युग को दर्शाता है. हरी पत्ती का प्रतीक एनसीआर में ना केवल सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करके बल्कि हरित ऊर्जा के उपयोग से डीकार्बोनाइजेशन के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
रैपिडएक्स यात्रा के एक आधुनिक, विश्व स्तरीय, टिकाऊ, सुविधाजनक, तेज, सुरक्षित और आरामदायक साधनों के माध्यम से एनसीआर में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ेगा.
पहले आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ पर रैपिडएक्स सेवाएं, 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर प्रदान की जाएंगी. दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देंगी. एनसीआरटीसी 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को जनता के लिए चालू करने का लक्ष्य बना रही है. इससे पहले, तय समय से पहले 2023 में साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड का परिचालन आरंभ हो जायेगा.
8 मार्च 2019 को शिलान्यास
इस परियोजना का शिलान्यास 8 मार्च 2019 को किया गया। जून 2019 में इसके निर्माण का काम आरंभ हुआ था। एक बार पूरी तरह से चालू होने के बाद आरआरटीएस ट्रेनों की डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटा होगी। वहीं ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा होने वाली है। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस से 55 मिनट के बीच दो प्रमुख शहरों के बीच दूरी को कवर किया जा सकेगा। इसके साथ ही इस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन शामिल होंगे। इस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा।
Source : News Nation Bureau