वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि बाहरी खतरों के बावजूद, प्रमुख संरचनात्मक सुधारों और मजबूत बाहरी बैलेंस शीट के साथ भारत के सु-लक्षित नीति मिश्रण ने इसके विकास को लचीला बनाए रखने में मदद की है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एशियन इन्फ्रास्ट्रक्च र इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 7वीं वार्षिक बैठक में भाग लेने के दौरान ये बातें कही. सीतारमण ने सदस्यों की सहायता करने और उच्च गुणवत्ता वाले विकास वित्त प्रदान करने के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए एआईआईबी की सराहना की.
जलवायु वित्त को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई अन्य कार्यक्रमों जैसे पर्यावरण के लिए जीवन शैली जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया प्रयासों का सक्रिय रूप से नेतृत्व कर रहे हैं. सीतारमण ने बैंक के प्रबंधन से निजी क्षेत्र की पूंजी जुटाने को और तेज करने और इसके ऋण देने के लिए तंत्र का पता लगाने का आग्रह किया.
एआईआईबी को पूर्ण विकसित देश कार्यालय स्थापित करने का सुझाव देते हुए, उन्होंने बैंक को अपनी मिड-स्ट्रीम और अपस्ट्रीम सगाई गतिविधियों के दायरे का विस्तार करने की दिशा में काम करने की भी सलाह दी, जैसे कि ग्राहकों को निवेश योजनाओं में रणनीतियों का अनुवाद करने में मदद करने के लिए बढ़ी हुई तकनीकी सहायता.
Source : IANS