भारत का सबसे वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम कास्कर पाकिस्तान में ही है. अमेरिकी सरकार ने लंदन की एक अदालत को यह जानकारी दी है. अमेरिकी सरकार की पुष्टि पाकिस्तान के झूठ को उजागर करती है. अमेरिकी सरकार ने ब्रिटिश कोर्ट को बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन का साम्राज्य कराची से बाहर स्थित है. अमेरिकी सरकार का आधिकारिक बयान लंदन में एक अदालत में दाऊद के शीर्ष सहयोगी जाबीर मोती के प्रत्यर्पण के मुकदमे की सुनवाई के दौरान दिया गया था.
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जाबिर मोती (51) जिन्हें पिछले साल स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था, सोमवार को अपने परीक्षण की शुरुआत में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश हुआ था. एफबीआई की जांच के बाद उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, जबरन वसूली और हेरोइन जैसे गैरकानूनी पदार्थ आयात करने की साजिश रचने के आरोप के बाद वह अमेरिका के प्रत्यर्पण का सामना कर रहा है.
मोती को लंदन की उसी वैंड्सवर्थ जेल में डाला गया है, जहां भारत का भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को रखा गया है. मोती को एफबीआई की व्यापक जांच के बाद अगस्त 2018 में लंदन के एक होटल से स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उसे 2010 और 2014 के बीच किए गए आरोपों को लेकर 25 साल की सजा सुनाई जा सकती है.
1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद से पाकिस्तान लगातार अपनी धरती पर दाऊद की मौजूदगी से इनकार करता रहा है. नरेंद्र मोदी के सत्ता में लौटने और अजीत डोभाल के अधिक शक्तिशाली होने के साथ, ऐसी खबरें थीं कि भारत कराची से दाऊद को बाहर निकालने के लिए ओसामा जैसा ऑपरेशन कर सकता है.
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एक पुलिस कांस्टेबल का बेटा और अंडरवर्ल्ड डॉन बनने का दाऊद का सफर किसी कहानी से कम नहीं है. समय-समय पर उसके बारे में तरह-तरह की खबरें आती रहती हैं. कभी उसकी किडनी खराब होने तो कभी फेस चेंज कराने की खबरें सुर्खियां बनती हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच दाऊद इब्राहिम को लेकर आधिकारिक तौर पर कभी बात नहीं हुई है. हां, 2014 में भारत ने दाऊद के खिलाफ पाकिस्तान को डोजियर सौंपने और पुख्ता सबूत होने की बात जरूर कही थी.