प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 वें सत्र में आम सभा को संबोधित करते हुए विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर दुनिया को एक अहम भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि भारत का वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलिवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे. हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है. भारत की आवाज हमेशा शांति, सुरक्षा, और समृद्धि के लिए उठेगी.
उन्होंने कहा कि भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लांड्रिंग के खिलाफ उठेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, कोरोना महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम आत्मनिर्भर भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. आत्मनिर्भर भारत अभियान, ग्लोबल इकोनॉमी के लिए भी एक बल गुणक (फोर्स मल्टीप्लायर) होगा. भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे.
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में वर्चुअल संबोधन के दौरान कहा, हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं. यह हमारी संस्कृति, संस्कार और सोच का हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है. भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती. भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती. हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते. महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजी हैं.
आपको बता दें कि इसके पहले कोरोना महामारी के संकट की वजह से ही संयुक्त राष्ट्र महासभा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई. इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सीट का मुद्दा भी उठाया. पीएम मोदी ने कहा कि कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसिजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा. आइए आपको बताते हैं युनाइटेड नेशन को संबोधित किया.
Source : IANS