भारतीय सेना के साथ-साथ हमारे देश के इंजीनियर भी अब चीन की कमर तोड़ने में लग गए है. मुंबई के एक युवा इंजीनियर ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है जिसके बारे में जानकर ड्रैगन के होश उड़ जाएंगे. कोरोना काल में आज पूरी दुनिया को इस तरह के डिवाइस की जरूरत है. कोरोना के समय में जहां एक तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना बेहद जरूरी है वहीं दूसरी तरफ बॉडी का टेंपरेचर जांचने और ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए डॉक्टर्स को मरीज के करीब आना ही पड़ता है.
कोरोना के कारण एयरपोर्ट्स से लेकर मॉल या फिर किसी दुकान यहां तक कि आपके ऑफिस में भी प्रवेश द्वार पर आपका बॉडी टेम्परेचर और ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाता है. लेकिन इसे चेक करने के लिए सुरक्षा कर्मी या डॉक्टर को आपके करीब आना पड़ता है. कोरोना काल में सामाजिक दूरी रखना बेहद एहम है लेकिन यहां अब तक ये मुमकिन नही था.
लेकिन कहते हैं कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है. कोरोना काल में दिशांत की चिंता थी कि आखिर कैसे बिना इंसान के करीब गए कोई उसके बॉडी टेम्परेचर और ऑक्सिफिन लेवल को जांच सकता है और आखिरकार 4 महीनों की कड़ी मेहनत के बाद इस युवा इंजिनीयर ने इस डिवाइस को तैयार किया है जो पूरी तरह से स्वदेशी है और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को 2 कदम आगे लेकर जाती है.
इस डिवाइस की मदद से अब बिना मरीज के करीब गए आप दूर बैठकर उनका ऑक्सीजन लेवल, बॉडी टेम्परेचर और यहां तक कि हार्ट बीट भी चेक कर सकते हैं. डिवाइस में लगे कैमरा की मदद से आपको दरवाज़े पर खड़े इंसान की तस्वीर के साथ ये सारी जानकारियां आपको मिल जाएगी. इस डिवाइस को Work Safe नाम दिया गया है. इस डिवाइस का इस्तेमाल अस्पताल के आईसीयू में भी किया जा सकता है जहां कोविड के मरीज के बिना करीब गए डॉक्टर्स उनकी सेहत का ध्यान रख सकते हैं और दूर बैठकर अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर मरीज की निगरानी की जा सकती है.
दिशांत शाह के इस सफल प्रयास ने ये भी साफ कर दिया है कि जैसे हमारे देश की सेना सरहद पर चीन का मुकाबला कर रही है वहीं दूसरी तरफ हमारे युवा इंजीनियर्स भी आर्थिक मोर्चे पर चीन को घेरने की तैयारी में है. दिशांत के पिता दीपेन शाह की माने तो दिशांत आये दिन प्रतियोगिताओं की तैयारी करते रहते हैं और इनामी राशि से वो अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा करते हैं. दिशांत की माँ वर्षा शाह से जब न्यूज़ नेशन ने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व हो रहा है और वो बेहद खुश हैं.
लेकिन मां-बाप से ज्यादा दिशान जैसे इंजिनीर्स पर देश को गर्व है क्योंकि देश के लिए युवा पड़ोसी मुल्क चीन को साफ संदेश दे रहे हैं कि उनका देश अब आत्मनिर्भर बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है और हिंदुस्तान के युवा किसी भी मामले में किसी भी देश से कम नहीं है.
Source : News Nation Bureau