रनवे पर इंडिगो की दो फ्लाइट्स एक को बेंगलुरु से भुवनेश्वर तो दूसरी को बेंगलुरु से कोलकाता की उड़ान भरनी थी, लेकिन क्लेरेंस मिलने के बाद दोनों फ्लाइट्स ने उड़ान भरी और करीब 3000 फीट की ऊंचाई पर दोनों फ्लाइट्स काफ़ी करीब आ गई. इससे बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन हादसा टल गया. इंडिगो के सूत्रों की माने तो दोनों फ्लाइट्स को एटीसी से एक समय में ही उड़ान की इजाजत मिल गई, जिसकी वजह से ऐसा हुआ. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इंडिगो इस मामले पर कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस मामले की डीजीसीए जांच कर रहा है.
मामला 7 जनवरी के लेकिन बड़ी चूक को रिकॉर्ड नहीं किया- रडार कंट्रोलर की वजह से टला हादसा
मामला 7 जनवरी 2022 का है, लेकिन इस मामले को रिकॉर्ड तक नहीं किया गया. रडार कंट्रोलर की वजह से हादसा होने से बचा और जानकारी में आया. इसके बाद सूत्र बता रहे हैं कि जांच शुरू कर दी गई है.
दोनों फ्लाइट में 400 यात्री सवार थे
सूत्रों की माने तो बेंगलुरु से कोलकाता फ्लाइट 6E-455 और बेंगलुरु से भुवनेश्वर की फ्लाइट 6E-246 एक ही रुट से 3000 फ़ीट की ऊंचाई पर काफ़ी करीब आ गए थे, उस समय दोनों फ्लाइट में 400 यात्री सफ़र कर रहे थे.
डीजीसीए जांच सामने आने के बाद होगा पर्दाफाश
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना को दर्ज न किए जाने से डीजीसीए ने काफी सख्ती दिखाई और इस पूरे मामले को काफी गंभीरता से लिया और जांच शुरू कर दी है. इस मामले में सभी दर्ज सिस्टम को ट्रैक किया जा रहा है. पायलट से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि इस पर गलती कहां से और कैसे हुई ये तय किया जा सके.
Source : Sayyed Aamir Husain