शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के बाद अब एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए ऐसी बात कही है, जिससे कांग्रेस जल-भुन जाएगी. जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान में निशाना तो मोदी सरकार को बनाया, लेकिन उसके लिए उन्होंने जो बातें कहीं, उससे महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में दरार और चौड़ी हो जाएगी. जितेंद्र आव्हाड ने एक कार्यक्रम में कहा- 'इंदिरा गांधी ने भी लोकतंत्र का गला घोंटा था. उस वक्त कोई उनके खिलाफ नहीं बोलता था, तब अहमदाबाद और पटना के छात्रों ने विरोध में मोर्चा खोला और जेपी आंदोलन ने उनकी पतन की शुरुआत की. महाराष्ट्र और पूरे देश में वही इतिहास दोहराया जाएगा.'
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इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी डॉन करीम लाला से मिलने के लिए पायधुनी आती थीं. पायधुनी मुंबई का एक इलाका है. इंदिरा गांधी की कई बार करीम लाला से मुलाकात हो चुकी थी.' इस बयान पर बवाल होने के बाद संजय राउत ने अपनी सफाई में कहा था- 'नेहरू और इंदिरा गांधी के लिए हमेशा से सम्मान है. दरअसल, अफगानिस्तान के पठानों के नेता के रूप में नेताओं की करीम लाला से मुलाकात होती थी. करीम लाला के दफ्तर में कई नेताओं की तस्वीरें भी थीं. समस्या जानने के लिए करीम लाला से सभी नेता मिलते थे.'
करीम लाला को लेकर दिए गए बयानों के बाद संजय राउत ने वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का विरोध कर रही कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा था- ऐसे लोग जो वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का विरोध करते हैं, उन्हें तत्कालीन अंडमान जेल का दौरा करना चाहिए, ताकि वे उन स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान समझ सकें जिन्होंने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी.
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शिवसेना नेता संजय राउत के बयानों के जवाब में कांग्रेस ने कहा था- इंदिरा गांधी के बारे में कुछ भी उल्टा-पुल्टा बोलने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने कहा, 'इंदिरा गांधी हमारी नेता और आराध्य थीं. संजय राउत बीजेपी के खिलाफ तब भी टिप्पणी करते थे, जब वे सरकार का हिस्सा थे, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि हम उनकी तरह सुनते रहेंगे, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं.'
संजय राउत के बाद अब एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कांग्रेस और इंदिरा गांधी को लेकर जो बयान दिया है, उसके बाद एक बार फिर जाहिर है कि महाराष्ट्र की सियासत गरमाएगी. देखना यह होगा कि कांग्रेस सहयोगी दलों द्वारा लगातार इंदिरा गांधी को निशाना बनाए जाने को लेकर क्या रुख अपनाती है.
Source : News Nation Bureau