एक तरफ निर्भया (Nirbhaya) की मां दोषियों को फांसी देने में हो रही देरी को लेकर सिस्टम से नाराजगी जता रही हैं और सरकार से इसे दुरुस्त करने की मांग कर रही हैं, वहीं देश की जानी-मानी वकील इंदिरा जय सिंह (Indira JaiSingh) ने निर्भया की मां से दोषियों को माफ करने की अपील की है. इंदिरा जय सिंह ने निर्भया की मां से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का अुनसरण करने की अपील करते हुए कहा, जिस तरह से राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) की हत्या के मामले में सोनिया गांधी ने दोषी नलिनी (Nalini) को माफ कर दिया था, उसी तरह निर्भया की मां को भी करना चाहिए.
While I fully identify with the pain of Asha Devi I urge her to follow the example of Sonia Gandhi who forgave Nalini and said she didn’t not want the death penalty for her . We are with you but against death penalty. https://t.co/VkWNIbiaJp
— Indira Jaising (@IJaising) January 17, 2020
इंदिरा जयसिंह ने अपने ट्वीट में कहा, मैं आशा देवी का दर्द समझती हूं. फिर भी मैं उनसे अपील करती हूं कि वह सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करें, जिन्होंने नलिनी को माफ कर दिया और कहा कि वह उनके लिए मृत्युदंड नहीं चाहतीं. हम आपके साथ हैं, पर मृत्युदंड के खिलाफ हैं.
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इससे पहले निर्भया गैंगरेप और हत्या के केस में दोषियों को अब एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है. शुक्रवार को ही दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी. इसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया. कानूनन दोषी की दया याचिका खारिज होने के बाद उसे 14 दिन का समय दिया जाता है. शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इरफान ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है, लिहाजा नया डेथ वारंट जारी होना चाहिए. वकील ने कहा कि ऐसी सूरत में दोषी मुकेश की ओर से दायर अर्जी का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता क्योंकि राष्ट्रपति दया अर्जी खारिज कर चुके हैं.
वृंदा ग्रोवर ने शिकायत की कि तिहाड़ जेल में उनके मुवक्किल मुकेश को लीगल इंटरव्यू के लिए इजाजत नहीं दी गई. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और तिहाड़ जेल के अफसरों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ. बाकी तीन दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज मांगे थे, ताकि वो अपने मुवक्किलों की ओर से अपील दायर कर सके, लेकिन उन्हें वो दस्तावेज नही मिले है.
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जज ने सवाल किया कि जब एक दोषी की दया याचिका खारिज हो चुकी है, बाकी दोषियों ने अभी कोई मर्सी पिटीशन (दया याचिका) दायर नहीं की है, क्या यह जान-बूझकर लटकाने की कोशिश नहीं है. इस पर वकील एपी सिंह ने कहा, तिहाड़ जेल से बार-बार अनुरोध के बावजूद मांगे गए दस्तावेज नहीं मिले हैं. इसलिए उनकी ओर से अपील दायर नहीं हो पा रही है. एपी सिंह ने कहा कि एक क्रिमिनल अपील दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है. हमने सुप्रीम कोर्ट में पवन के नाबालिग होने का दावा करने वाली अर्जी दायर की है. वृंदा ग्रोवर ने भी दया याचिका खारिज होने के बाद उपलब्ध कानूनी राहत के विकल्पों के इस्तेमाल के लिए कुछ डॉक्यूमेंट दिए जाने की मांग तिहाड़ जेल से की, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में एक फरवरी के लिए नया डेथ वारंट जारी कर दिया.
Source : News Nation Bureau