विदेश और आर्थिक नीति के क्षेत्र में अफ्रीका को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा, भारत-अफ्रीका के बीच मजबूत संबंध अधिक समतावादी व्यवस्था की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रूपरेखा को फिर से परिभाषित करेगा. वाइब्रेंट गुजरात समिट के दौरान 'अफ्रीका दिवस' के शुभारंभ पर उन्होंने कहा, "अफ्रीका के साथ लंबे समय तक मजबूत रहे संबंधों में जीवंतता और गतिशीलता आई है. इसलिए सरकार ने अफ्रीका महादेश में आने वाले कुछ वर्षो में 18 नए दूतावासों और उच्चायोगों को खोलने का फैसला किया है, जिससे कुल दूतावासों और उच्चायोगों की संख्या 47 हो जाएगी."
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उन्होंने कहा कि इस तरह के दूतावास बीते साल पहले ही रवांडा में खोले जा चुके हैं. अफ्रीका, भारत के लिए महत्वपूर्ण व्यापार व निवेश साझेदार के रूप में उभरा है. 2017-18 में भारत-अफ्रीका द्विपक्षीय व्यापार 62.66 अरब डॉलर का रहा, जिसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत वृद्धि हुई है. स्वराज ने कहा, "हाल के वर्षो में, अफ्रीका में भारतीय निवेश में बढ़ोत्तरी हुई है. भारत 54 अरब डॉलर के संचयी निवेश के साथ अफ्रीका में पांचवा सबसे बड़ा निवेशकर्ता रहा."
उन्होंने कहा, "हमने हालिया समय में अफ्रीकी महादेश मुक्त व्यापार क्षेत्र पर हस्ताक्षर किया है, जिसे हम अफ्रीका के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के एक अन्य अवसर के तौर पर देख रहे हैं." विदेश मंत्री ने कहा, "भारत-अफ्रीका के बीच मजबूत संबंध अधिक समतावादी व्यवस्थ की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रूपरेखा को फिर से परिभाषित करेगा."
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश व आर्थिक नीति में अफ्रीका का शीर्ष स्थान घोषित किया है, जिसे अफ्रीकी प्राथमिकताओं के साथ आगे बढ़ाया जाएगा. सुषमा ने कहा कि 11.4 अरब डॉलर की भारतीय ऋण सहायता के तहत 42 अफ्रीकी देशों में 189 परियोजनाओं को लागू किया गया है, जिसका कई अफ्रीकी देशों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इससे लोगों की जिंदगियों में बदलाव आया है.
Source : IANS