12वें दौर की बातचीत में बनी सहमति, गोगरा से भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटीं

भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. भारत और चीन ( India-china Dispute) के बीच 31 जुलाई को शीर्ष कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी. चुशूल में हुई बैठक में गोगरा से भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटाने पर सहमति बनी थी.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
india china

गोगरा से भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटीं( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. भारत और चीन ( India-china Dispute) के बीच 31 जुलाई को शीर्ष कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी. चुशूल में हुई बैठक में गोगरा से भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटाने पर सहमति बनी थी. कोर कमांडर वार्ता के दौरान हुए समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों (भारत-चीन) ने चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से पीपी-17 में अब आगे की तैनाती बंद कर दी है. 4-5 अगस्त को दोनों देशों ने अपनी सेनाएं हटा ली हैं. दोनों देश अब अपने-अपने पुराने और स्थायी ठिकानों में हैं.

यह भी पढ़ें : कर्नाटक में कब से खुलेंगे स्कूल, CM बसवराज बोम्मई ने बताई तारीख

भारतीय सेना ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि दोनों पक्षों की ओर से बनाए गए अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया है और इसकी पुष्टि भी कर ली गई है. गोगरा से अस्थायी निर्माण भी हटा लिए गए हैं. सेना ने आगे कहा कि गोगरा पोस्ट से 4-5 अगस्त को दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं. अब दोनों पक्ष अपने-अपने स्थायी ठिकानों में हैं.

आपको बता दें कि पिछले दिनों भारत और चीन ( India-china Dispute) के बीच शीर्ष कमांडर स्तर की वार्ता का बारहवां दौर लद्दाख क्षेत्र में चीनी पक्ष मोल्दो में संपन्न हुआ था. दोनों पक्षों के बीच यह वार्ता तीन महीने के अंतराल के बाद हुई थी. भारतीय सैन्य प्रतिनिधि ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी के देपसांग मैदान जैसे घर्षण क्षेत्रों में विघटन पर चर्चा की थी. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित एक्सआईवी कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी.के. मेनन और विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया), नवीन श्रीवास्तव ने किया था.

यह भी पढ़ें : VIDEO : महिला हॉकी टीम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की सीधी बात, जानिए क्या कहा

चीनी सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर जू किलिंग ने किया था, जिन्हें इस महीने की शुरुआत में नियुक्त किया गया था. देपसांग में निर्माण को मौजूदा गतिरोध का हिस्सा नहीं माना जा रहा था जो पिछले साल मई में शुरू हुआ था, क्योंकि यहां 2013 में वृद्धि हुई. भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के सभी मुद्दों को हल करने के लिए हालिया सैन्य कमांडरों की बैठकों के दौरान जोर दिया था.

HIGHLIGHTS

  • कॉर्प्स कमांडर की बैठक में सेना पीछे हटने पर सहमति
  • 31 जुलाई को चुलशु में हुई बैठक में बनी सहमति
  • गोगरा से अस्थायी निर्माण भी हटा लिए गए
India China LAC Tension Eastern Ladakh Tension Gogra Post Disengagement India China Gogra Post Gogra Post Ladakh News
Advertisment
Advertisment
Advertisment