भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने में गंभीरता दिखानी होगी और जोर देते हुए कहा कि बातचीत और आतंकवाद दोनों साथ नहीं चल सकते हैं।
विदेस मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश किमार ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध खराब होने के पीछ सबसे बड़ा कारण सीमापार से आतंकवाद और पाक का कट्टरपंथ और आतंकवाद को दिया जाने वाला समर्थन है।
कश्मीर समस्या का हल और भारत पाक संबंध पर प्रवक्ता से पूछिये सिरीज़ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंक के खिलाफ लड़ाई में गंभीरता की कमी और आतंकियों का इस्तेमाल बातचीत का सही और अर्थपूर्ण माहौल नहीं बनाते हैं।
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प्रवक्ता से पूछिये सिरीज़ में जनता विदेश नीति से संबंधित कोई भी सवाल पूछ सकते हैं।
हाफिज़ सईद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आतंक के खिलाफ लड़ाई को लेकर उस पर विश्वास करना कठिन हो जाता है। ुसने मुबई हमलों के मास्टरमाइंड और यूएन से घोषित आतंकी खुला घूम रहा है और राजनीतिक दल बना लिया है।
उन्होंने कहा, 'हम आशा करते हैं कि पाकिस्तान की वर्तमान सरकार आतंक के खिलाफ लड़ाई में गंभीरता दिखाएगी और जैसा कि पहले कहा है कि बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते हैं।'
सीमापार से हो रहे आतंकवाद और भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल आतंकियों के पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर दोनो देशों के साथ तनाव चल रहा है और बातचीत टूट गई है।
खासकर पठानकोट और उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद दोनों देशों के बीच वार्ता पूरी तरह से ठप हो गई है।
इधर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही एलओसी पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी की।
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Source : News Nation Bureau