उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार देश के उद्योग संघों से कहा कि वे आर्थिक और व्यावसायिक नैतिकता का उल्लंघन,आर्थिक अपराध करने वाले व्यावसायियों को अपने बीच से अलग थलग करें. उपराष्ट्रपति एम वेंकैय्या नायडू ने यहां जमशेदपुर शताब्दि समारोह को संबोधित कर रहे थे. उपराष्ट्रपति ने टाटा समूह की व्यावसायिक नैतिकता तथा सामुदायिक निष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को व्यावसायिक नैतिक आदर्श के ऊंचे मानदंड स्थापित करने चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ व्यवसायियों ने आर्थिक सुधारों और सरल प्रक्रियाओं का गलत लाभ उठाया जिससे सुधार प्रक्रिया के प्रति संशय उत्पन्न हुआ. इस स्थिति को बदलने में में स्वयं निजी क्षेत्र के उद्योग संघों को आगे आना होगा.
उन्होंने आर्थिक सुधारों को राष्ट्र में संपदा और समृद्धि के निर्माण के लिए अपरिहार्य बताया. उन्होंने निजी क्षेत्र का आह्वाहन किया कि बदलती हुई टेक्नोलॉजी और बढ़ते ऑटोमेशन के दौर में वे अपने कार्मिकों को भविष्य की नई तकनीकों में प्रशिक्षित करें. नायडू ने इस ऐतिहासि तथ्य का उल्लेख किया कि 1919 में वायसराय मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड ने साकची गांव का नाम बदल कर देश के महान उद्योगपति जमशेदजी नौशरवांजी टाटा के नाम पर जमशेदपुर रखा था. उपराष्ट्रपति ने भारत के औद्योगिकीकरण के इतिहास में जमशेदजी नौशेरवांजी जी टाटा की दूरदृष्टी का उल्लेख किया. इस अवसर पर उन्होंने एक विशेष डाक टिकट तथा एक काफी टेबल बुक जा लोकार्पण किया.
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स्वाधीनता आंदोलन के परिपेक्ष्य में जमशेदपुर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गत शताब्दी के तीसरे दशक में वैश्विक मंदी के दौरान यहां के मजदूर संघ का नेतृत्व नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया था. वर्ष 1925 में महात्मा गांधी स्वयं इस इस्पात नगरी में आए तथा कंपनी की प्रगति की कामना करते हुए मजदूर-मालिकों के बीच आदर्श मैत्रीपूर्ण संबंधों का आग्रह किया था. उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकास के लिए शांति आवश्यक शर्त है जिसके लिए मजदूरों और मालिकों के मध्य सौहार्दपूर्ण एवं सामंजस्य पूर्ण संबंध होने चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग कृषि, कृषक और संबंधित व्यवसायों से जुड़ा है.
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अतः आज जरूरी है कि हम कृषि को एक लाभप्रद और स्थाई व्यवसाय बनाने के लिए समन्वित प्रयास करें. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव गरीब और दुर्बल वर्गों पर होता है. बढ़ते शहरीकरण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमारे शहरों को पर्यावरणीय इससे पूर्व उपराष्ट्रपति ने टाटा सेंटर फॉर एक्सीलेंस परिसर में वृक्षारोपण किया तथा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों के साथ जमशेदपुर नगर की स्थापना और विकास पर एक संग्रहालय को भी देखा. महत्वपूर्ण यह है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रहे थे. समारोह के बाद उपराष्ट्रपति ने जमशेदपुर स्थित 1919 में निर्मित सौ वर्ष पुराने आंध्र भक्त श्री राम मंदिरम् के दर्शन किए.इस अवसर पर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू तथा टाटा स्टील के उच्च अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.