पुंछ के मेंढर के बालाकोट सेक्टर में 7 अगस्त को एलओसी पर सेना ने एक देवयांग अफगानी युवक को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था. अब इस अफगानी युवक को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये अफगानी युवक अलबद्र आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है और इसे एलओसी में सेना के मूवमेंट की रेकी करने के लिए भेजा गया था . ये अफगानी युवक सोमवार को बालाकोट सेक्टर डाबी बसुनी गांव से सेना ने उस समय हिरासत में लिया था जब वो घुसपैठ की कोशिश में था . अफगान युवक देवयंग था इसलिए उसे रेकी के लिए भेजा गया था ताकि सुरक्षाबल उसपर शक न की सके.
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इस अफगानी युवक का नाम अब्दुल वहाब है जो अफगानिस्तान के काबिल का रहने वाला है. वर्ष 2000 के बाद पहली बार पाकिस्तान ने किसी अफगानी आतंकी को भारतीय सीमा में धकेला है. पुलिस द्वारा की गई छानबीन के इसके तार बॉर्डर पार आतंकी संगठन से जुड़े है . पुलिस ने इस अफगानी युवक पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया है और कोर्ट ने इसे 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. इस अफगानी युवक की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों को को बॉर्डर पार हो रही आतंकी गतिविधियों को लेकर कई जानकारियां मिलने की उम्मीद है . खास तौर पर अफगानिस्तान से कितने आतंकी बॉर्डर पार आतंकी कैंप में मोजूद है इस तरह की कई जानकारियां इस आतंकी से मिल सकती है
पुलिस के अनुसार, दिव्यांग अब्दुल का बायां पैर नहीं है. आतंकी को गत सोमवार को बालाकोट सेक्टर के डाबी बसुनी गांव से सेना ने गिरफ्तार किया था, जब वह घुसपैठ की कोशिश कर रहा था. सेना ने कानूनी कार्रवाई को लेकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया. पूछताछ में पता चला है कि वह आतंकी संगठन अल बद्र से जुड़ा है. दिव्यांग हो की वजह से उस पर कोई शक न करे, इस वजह से उसे रैकी करने के लिए भेजा गया था.
Source : News Nation Bureau