इंफोसिस मैनेजमेंट विवाद से कंपनी के को-फाउंडर और कंपनी के पहले चेयरमैन नारायण मूर्ति बेहद दुखी है। नारायण मूर्ति ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, ' मुद्दा कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का नहीं बल्कि मुद्दा कॉरपोरेट गवर्नेंस का है। इसमें बेहद गिरावट आई है।'
इंफोसिस कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर (3.44%) नारायण मूर्ति कंपनी में चल रहे विवादों से बेहद दुखी है। नारायण मूर्ति ने कहा कि, 'जब डेविड कैनेडी को (पूर्व लीगल और कम्पलाइंज हेड, जिन्होंने हाल ही में इस्तीफा दिया है) को नियुक्त किया गया था ऐसा लगा जैसे किसी जानकारी जुटाने की ज़रुरत नहीं महसूस की। क्या इंफोसिस में 12 महीने की सेवरेंस पे को स्वीकारना सामान्य है? जबकि सभी लोगों के लिए इसका नियम कुल 3 महीने का है?'
उन्होंने सवाल किया कि, ' जब पूर्व सीएफओ राजीव बंसल ने कंपनी छोड़ी तो उन्हें क्या 30 महीने का सेवरेंस पे दिया गया। जोकि 10 गुना ज़्यादा है, ऐसे एक्सट्राऑरडनरी पेमेंट के पीछे क्या सच है?' उन्होंने कंपनी के पूर्व शीर्ष अधिकारियों को दिए गए भारी भरकम वेतन दिए जाने पर सवाल उठाए हैं, जिससे कंपनी के बाकी कर्मचारियों का मनोबल गिरा है।
Source : News Nation Bureau