भारतीय नौसेना (Indian Navy) की परमाणु हमला करने में सक्षम एकमात्र पनडुब्बी ‘ (Nuclear Attack Submarine) आईएनएस चक्र’ रूस लौट गई है. इस पनडुब्बी को रूस से पट्टे पर लिया गया था. सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया. अकुला श्रेणी के पोत आईएनएस चक्र (INS Chakra) को साल 2012 में पट्टे पर रूस से लिया गया था. परमाणु क्षमता से लैस यह दूसरी पनडुब्बी थी जिसे भारत (India) ने रूस (Russia) से पट्टे पर लिया था. सूत्रों ने बताया कि पट्टे की अवधि खत्म होने का समय आ जाने के कारण यह पनडुब्बी रूस वापस जा रही है. परमाणु क्षमता से संपन्न पहली पनडुब्बी (Submarine) का नाम भी चक्र था. यह पनडुब्बी तत्कालीन सोवियत संघ (Soviet Union) से 1988 में 3 साल के पट्टे पर ली गई थी.
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‘आईएनएस चक्र’ के रूस वापस जाने की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई हैं. हालांकि इस मामले पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है. रूस की अकुला-2 क्लास सबमरीन आईएनएस चक्र को 4 अप्रैल 2012 को इंडियन नेवी में शामिल किया गया था. अब उसकी जगह पर भारत और ज्यादा अडवांस्ड सबमरीन लीज पर लेगा. उसका भी नाम चक्र ही रहेगा.
भारत ने 2019 में 10 साल के लिए इंडियन नेवी को परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी के लिए रूस के साथ 3 अरब डॉलर का समझौता किया था. इस समझौते के तहत रूस 2025 तक भारतीय नौसेना को अकुला श्रेणी की पनडुब्बी चक्र-तीन सौंपेगा. यह पनडुब्बी 2025 तक भारत को मिलने की उम्मीद है. इसका मतलब है कि इंडियन नेवी कम से कम 4 साल तक बिना किसी न्यूक्लियर सबमरीन के रहेगी.
HIGHLIGHTS
- परमाणु क्षमता से लैस यह दूसरी पनडुब्बी थी जिसे भारत ने रूस से पट्टे पर लिया था
- भारत ने परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी के लिए रूस के साथ 3 अरब डॉलर का समझौता किया था
- इस समझौते के तहत रूस 2025 तक भारतीय नौसेना को अकुला श्रेणी की पनडुब्बी चक्र-तीन सौंपेगा