भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ताकत में बड़ा इजाफा होने वाला है. आज देश को नया स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस इंफाल (INS Imphal) मिलेगा. इसकी कमीशनिंग रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में होनी है. यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस है. इसमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं. टॉरपीडो और एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स मौजूद हैं. इसके साथ 76 mm की सुपर रैपिड गन की मौजूदगी है. नौसेना में कमीशनिंग का कार्यक्रम मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में जारी है. इंफाल पहला युद्धपोत है, जिसका नाम किसी उत्तर पूर्व के शहर के नाम है.
ये पश्चिमी नौसेना को मजबूत करेगा. ये अरब सागर में तैनात होगा. यह जहाज करीब 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामान से लैस है. इस पोत पर मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं. यह ब्रह्मोस मिसाइलें के साथ स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी-रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर, 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट से लैस है.
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20 अप्रैल 2019 को पहली बार पानी में उतारा
यह पोत 19 मई 2017 से बनना शुरू हुआ था. जहाज को 20 अप्रैल 2019 को पहली बार पानी में उतारा गया. युद्धपोत का पहला परीक्षण 28 अप्रैल 2023 को किया गया. इसके परीक्षण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तय किया गया. इसे छह माह के रिकॉर्ड समय सीमा के अंदर 20 अक्टूबर 2023 को सेना को सौंपा गया. नवंबर 2023 में युद्धपोत में लगी सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया गया. ऐसा पहली बार था जब किसी युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण हुआ, जिसे अभी नौसेना में नहीं रखा गया है. इस जंगी जहाज से निकलने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री पर घूमकर दुश्मन कर हमला करने में सक्षम है.
दोनों ओर से आने वाले खतरे से निपटने में सक्षम होगा
इस पोत के शामिल होने से नेवी की ताकत में इजाफा होने की उम्मीद है. एक ओर पाकिस्तान और दूसरी तरफ चीन. दोनों ओर से आने वाले खतरे से निपटने में यह जंगी जहाज सक्षम होगा. इसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध में इंफाल की लड़ाई में शहीदों की याद में रखा गया. यह पहला जंगी जहाज है जो उत्तर-पूर्व के किसी शहर के नाम है. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर के योगदान को लेकर ये सबसे बड़ा सम्मान है.
Source : News Nation Bureau