भारतीय सेना में शामिल होना हर युवा का सपना होता है. जब देश की सेवा करने का जज्बा जब परिवार में ही हो तो फिर यह जूनून बन जाता है. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है. महिला भी अब बढ़-चढ़ कर सेना में शामिल हो रही है और खुद को देश की सेवा में न्योछावर कर रही हैं. उधमपुर के पंचौरी के रहने वाले गिरधारी लाल खुद भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं. देश के प्रति पिता की सेवा भाव और निष्ठा को देख कर उनके बेटा और बेटी दोनों अपनी अपनी पसंद के पेशा को छोड़ देश सेवा की ठानी और आज दोनों देश की सेवा का संकल्प लिये सेना में शामिल हो चुके हैं.
गिरधारी लाल 03 Nov 1988 को जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स के ६वीं बटालियन में शामिल हुए. उन्होंने 17 देश की सेवा करने के बाद 28 Feb 2005 को सेवानिवृत्त हुए. उनके दोनों बच्चे जिसमे एक बेटी और एक बेटा शबनम और सिद्धांत है उधमपुर के आर्मी स्कूल से अपनी पढाई की. सिद्धांत शुरुआत से ही खेल में रूचि रखता था वहीं उनकी बेटी शबनम का कला के तरफ झुकाव था और पकैंटिंग करती थी. दोनों को अपने पिता की देश के प्रति सेवा को देखते हुए सेना में भर्ती होने की ठानी। दोनों को देश की सेवा करने का जुनून था.
गिरधारी लाल के दोनों बच्चे ने सेना में शामिल होकर परिवार का ही नहीं बल्कि अपने समाज और का मान सम्मान बढ़ाया है और महिलाओं के लिए सेना में शामिल होने का रास्ता प्रशस्त किया हैं. गिरधारी लाल के बेटा सिद्धांत ने 10 + 2 तकनीकी प्रवेश योजना से भारतीय सेना में शामिल हुए और 09 दिसंबर 2018 को ओटीए गया से कमीशन प्राप्त किया. उन्हें 120 इंजीनियरिंग रेजिडेंट में कमीशन दिया गया और वर्तमान में पुणे में तैनात हैं. साथ ही लेफ्टिनेंट शबनम लूना को हाल ही में ओटीए चेन्नई से 29 मई 2021 को 203 इंजीनियरिंग रेजट के लिए कमीशन मिला है जो पश्चिम बंगाल में है. दोनों बच्चों ने सेना में भर्ती होने के अपने जुनून को कायम रखा और अपने पिता के सपने को भी पूरा किया।
Source : News Nation Bureau