चालान (Challan) के पैसे नहीं भरने पर महंगी होगी इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy)

अब नए ट्रैफिक नियमों (New Traffic Rules) के लागू होने के बाद लोगों को ई-चालान (Challan) भेजे जा रहे हैं.

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Drigraj Madheshia
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प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

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नए ट्रैफिक नियमों (New Traffic Rules) के लागू होने के बाद देशभर में ताबड़तोड़ चालान (Challan) काटे जा रहे हैं. अगर आपका चालान (Challan) कट गया है और आप इसकी रकम नहीं भरना चाहते हैं तो यह गलत सोच रहे हैं. आपके चालान (Challan) की रकम बीमा प्रीमियम (Insurance Policy Premium) में जुड़ जाएगी, ताकि अगली बार बीमा (Insurance Policy) कराने पर लोगों से यह रकम वसूली जा सके.

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Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों के पास कोई वाहन है और चालान (Challan) हो जाने के बाद अगर वो व्यक्ति उस रकम को नहीं भरेगा, तो ऐसी राशि को बीमा प्रीमियम (Insurance Policy Premium) में जोड़ दिया जाएगा.इससे पुराने लंबित मामलों में ट्रैफिक पुलिस को रकम वसूलने में आसानी हो जाएगी.भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (इरडा) ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है.फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली में लागू किया जाएगा.

सड़क दुर्घटनाओं में होगी कमी

अगर बीमा प्रीमियम (Insurance Policy Premium)की राशि को ट्रैफिक चालान (Challan) से जोड़ दिया जाएगा, तो फिर इससे सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है.अब नए ट्रैफिक नियमों (New Traffic Rules) के लागू होने के बाद लोगों को ई-चालान (Challan) भेजे जा रहे हैं.अगर इरडा का यह प्रयोग दिल्ली में सफल होता है, तो फिर इसको पूरी देश में लागू किया जा सकता है.

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इस संबंध में एक नौ लोगों की समिति बनाई गई है, जिसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, इरडा, इंश्योरेंस इंफोर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया और प्रमुख जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं.यह समिति आठ हफ्ते में अपनी रिपोर्ट को सौंपेगी.

80 फीसदी चालान (Challan) हुए कम

चालान (Challan) की मोटी रकम की डर से पिछले छह दिन में ही दिल्ली के लोग काफी अनुशासित हुए हैं.दिल्ली में छह दिन में चालान (Challan) करीब 80 फीसदी कम हो गए हैं.दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के ग्रेटर कैलाश सर्किल के एक अधिकारी ने बताया कि उनके सर्किल में औसतन हर रोज 300 चालान (Challan) होते थे.अब हर रोज औसतन करीब 80 से 100 चालान (Challan) हो रहे हैं.

ये भी जानें

  • पुलिसकर्मी हाथ से इशारा करके वाहन रुकवा सकता है. चेक कर सकता है. अगर कोई चालक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए इशारे पर अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है.
  • पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को न तो गाली दे सकता है और न मारपीट कर सकता है. पुलिसकर्मी को वाहन के प्रदूषण स्तर का सर्टिफिकेट चेक करने का अधिकार है.
  • अगर कोई वाहन चालक अपने निजी वाहन में कमर्शियल उद्देश्य के लिए कोई सामान ले जाता है तो पुलिसकर्मी को उसका बिल चेक करने का अधिकार है.
  • पुलिसकर्मी अगर किसी वाहन चालक को गाड़ी के कागजात चेक करने के लिए रुकवाता है तो चालक कागजात पुलिसकर्मी को दिखाने का जिम्मेदार होगा.
  • सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 के मुताबिक यदि वाहन चालक के पास तत्काल समय पर ये दस्तावेज नहीं होते हैं तो उन्हें सभी जरूरी दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाता है.
  • नियमों के मुताबिक वाहन चालक को इस बात का दावा करना होगा कि वह 15 दिनों के भीतर संबंधित ट्रैफिक अधिकारी के सामने दस्तावेज पेश कर देगा. चालक द्वारा किए गए इस दावे के बाद ट्रैफिक पुलिस उसका चालान नहीं काटेंगे.

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  • मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत सड़क दुर्घटना या किसी अन्य विशेष मामलों में दस्तावेज दिखाने के लिए अधिकतम 7 दिन का ही समय होता है.
  • यदि तत्काल समय पर जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काटती है तो चालक कोर्ट में इसे खारिज करा सकते हैं.
  • कानून के मुताबिक यदि आपके पास आपके वाहन के सभी दस्तावेज हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपका चालान नहीं काट सकती है. ऐसे मामले में कोर्ट ट्रैफिक पुलिस द्वारा जबरन काटे गए चालान माफ कर सकते हैं.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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