Advertisment

Toolkit case: निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट से तीन सप्‍ताह की अंतरिम बेल

Toolkit case:निकिता जैकब को मिली बॉम्बे हाईकोर्ट से बेल,अदालत ने तीन सप्‍ताह की अंतरिम जमानत दी

author-image
sanjeev mathur
एडिट
New Update
collage

निकिता जैकब की अग्रिम जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

जलवायु के क्षेत्र में काम करने वाली मशहूर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) द्वारा शेयर किए गए 'टूलकिट' दस्तावेज मामले (Tool kit case) में मुंबई की वकील-कार्यकर्ता निकिता जैकब (Advocate Nikita Jacob) की अग्रिम जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई . समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार निकिता जैकब की अग्रिम जमानत की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि निकिता का कोई राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक एजेंडा नहीं. कोर्ट ने यह भी माना कि निकिता का घर 11 फरवरी को सर्च किया गया और समान जब्त कर लिया गया. साथ ही हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि अपराध दूसरे राज्य में हुआ है इसलिए ये मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. कोर्ट इस बात को रिकॉर्ड करता है कि समांतर वास्तविकता और ऑब्जरवेशन के आधार पर सह आरोपी को औरंगाबाद बेंच ने अंतरिम राहत दी है.  अदालत की ओर से ये भी कहा गया है कि अगर निकिता जैकब की गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें 25 हजार के बॉन्ड पर राहत मिल सकती है. 

कोर्ट एडवोकेट मिहिर देसाई के इस याचिका को स्वीकार करता है कि याचिकाकर्ता को राहत और आवेदन के लिए समय दिया जाना चाहिए. निकिता पर दिशा रवि के साथ मिलकर भारत को बदनाम करने वाली टूलकिट बनाने, उसे एडिट करने और सर्कुलेट करने का आरोप है. निकिता पर उस जूम मिटिंग में भी शामिल होने का आरोप है जिसमें कथित तौर पर भारत को बदनाम करने की रणनीति बनाई गई थी.

गौरतलब है कि दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद निकिता जैकब ने सोमवार को अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) से गुहार लगाई. जस्टिस पीडी नाइक के समक्ष निकिता के वकील अभिषेक येंडे ने त्वरित सुनवाई के लिए उनकी याचिका का उल्लेख किया था. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की एफआईआर को 'झूठा और निराधार' करार देते हुए निकिता ने दिल्ली की संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने और गिरफ्तारी से पहले चार सप्ताह के लिए अग्रिम जमानत मांगी है.

जमानत के लिए किए गए आवेदन में कहा गया है कि आवेदक को डर है कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध और मीडिया ट्रायल के कारण गिरफ्तार किया जा सकता है. फिलहाल आज उनकी याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. निकिता जैकब की जमानत याचिका पर बांबे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने बहस शुरू की. पुलिस के वकील निकिता जैकब को अंतरिम राहत न दिए जाने की मांग को लेकर दलील पेश कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जब तक निकिता मामले के आर्डर नहीं आता तब तक दिल्ली पुलिस निकिता को गिरफ्तार नहीं करेगी. दरअसल, टूलकिट केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब दिल्ली पुलिस निकिता जैकब और शांतनु की तलाश में जुट गई है. ये दोनों उस व्हाट्सअप ग्रुप के सदस्य बताए जाते हैं, जिसे दिशा रवि ने तैयार किया था. बताया जा रहा है कि टूलकिट तैयार करने में दिशा रवि के साथ ये दोनों भी शामिल थे. निकिता और शांतनु के खिलाफ अब कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया है, जिसके खिलाफ दोनों की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट और औरंगाबाद बेंच में याचिका लगाई गई थी, जिसपर सुनवाई हुई, जिसमेंं कोर्ट ने शांतनु को बेल दे दिया है. जबकि निकिता जैकब पर फैसला बुधवार को होगा.  इस मामले में पहले ही बेंगलुरु के एक कॉलेज की स्टूडेंट दिशा रवि को साजिश और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. इसे लेकर लोगों में खासी नाराजगी भी है. दिशा को रविवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था और उसके बाद उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. निकिता की सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक वह महाराष्ट्र और गोवा स्टेट बार काउंसिल से जुड़ी हैं और बॉम्बे हाई कोर्ट में रजिस्टर्ड हैं.

यह भी पढ़ेंः  शरारती तत्वों पर राजद्रोह की धाराएं नहीं चलाई जा सकतीं : कोर्ट

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को एक टीम तलाशी लेने के लिए निकिता जैकब के घर गई थी लेकिन शाम होने के कारण उससे पूछताछ नहीं हो सकती थी. स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के 3 कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 'टूलकिट' ट्वीट किया था. इस पर दिल्ली पुलिस ने 'टूलकिट' बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को आईपीसी की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दिशा रवि को यह दस्तावेज बनाने और उसका प्रसार करने की महत्वपूर्ण साजिशकर्ता बताया. बाद में निकिता की भी इस काम में भूमिका सामने आई.

यह भी पढ़ेंः पश्चिम बंगाल चुनावः क्‍या भाजपा के बंगाल विजय के आध्यात्मिक महारथी बन सकेंगे मिथुन 

रवि की गिरफ्तारी पर कई नेताओं ने जताई चिंता
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है, ये सभी लोग खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर देश के खिलाफ असुंष्टि फैलाने का काम कर रहे थे. वह उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने ग्रेटा थुनबर्ग के साथ यह टूलकिट शेयर किया था. वहीं कई कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने दिशा रवि की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली पुलिस का यह कदम लोकतंत्र पर हमला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार करना लोकतंत्र पर एक हमला है. हमारे किसानों का समर्थन करना कोई अपराध नहीं है. बता दें कि निकिता विगत छह वर्षों से वकालत कर रही हैं. वह गोरेगांव की रहने वाली हैं. वह सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती हैं. हालांकि 'टूलकिट' दस्तावेज मामले में उनकी भूमिका सवालों के घेरे में है. निकिता की सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक, वह महाराष्ट्र और गोवा स्टेट बार काउंसिल से जुड़ी हैं बॉम्बे हाई कोर्ट में रजिस्टर्ड हैं. 

दरअसल, टूलकिट' मामले में  दिल्ली पुलिस ने पहले से ही सॉफ्टवेयर फर्म जूम को यह पता लगाने के लिए लिखा है कि 11 जनवरी को खालिस्तान पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा आयोजित वर्चुअल जूम मीटिंग में कौन-कौन से कार्यकर्ता शामिल हुए थे, जिसमें 'ग्लोबल डे ऑफ एक्शन' के तौर-तरीकों पर काम किया गया था और उस जूम मीटिंग में तय की गई कार्रवाई के आधार पर निकिता जैकब, शांतनु, दिशा और अन्य ने मिलकर 'टूलकिट' दस्तावेज का मसौदा तैयार किया. दिल्ली पुलिस इस बात की भी पुष्टि कर रही है कि क्या बैठक में वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी भाग लिया था. सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारत और विदेश के लगभग 60 से 70 लोगों ने भाग लिया

पुलिस ने कहा कि कनाडा स्थित प्रो-खालिस्तान संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक धालीवाल ने गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर कनाडाई नागरिक पुनीत के जरिए निकिता से संपर्क किया था, ताकि ट्विटर पर एक पक्ष में लगातार ट्वीट किए जा सकें. सूत्रों के मुताबिक, साजिश में एक अन्य महिला अनीता लाल का नाम भी शामिल है. दिल्ली पुलिस की ओर से जांच के दौरान मामले में और गिरफ्तारी किए जाने की संभावना है.

कौन है निकिता जैकब?

निकिता जैकब पेशे से वकील हैं, जो कि दीवानी विवादों के लिए कोर्ट में लड़ती हैं. उसके ट्विटर हैंडल को फिलहाल लॉक कर दिया गया है, जिसके बायो में "एडवोकेट, बॉम्बे हाई कोर्ट" लिखा है. निकिता जैकब सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मामलों को उठाने वाली कार्यकर्ता हैं.वह अपनी वेबसाइट पर अपने बारे में लिखती हैं कि वह सही-गलत के लिए खड़ा होना पसंद करती है .

निकिता जैकब खुद को एक महत्वाकांक्षी लेखिका और एक गायक भी बताती हैं.वह एक शौकिया फोटोग्राफर और कुक भी हैं. निकिता एक जन्मजात कैथोलिक हैं.

Source : News Nation Bureau

Bombay High Court बॉम्बे हाई कोर्ट अंतरिम जमानत Toolkit case ग्रेटा थनबर्ग Greta Thunberg Toolkit निकिता जैकब
Advertisment
Advertisment