कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने वाला फैसला सुनाएगा या फिर बीच का रास्ता निकालेगा. या वह ऐसा फैसला देगा, जिससे भारत या फिर पाकिस्तान को अपने-अपने देश में शर्मिंदा होने की नौबत आ जाएगी. अभी तक, भारत और पाकिस्तान से संबंधित तीन मामले आईसीजे के पास सुनवाई के लिए गए हैं.
पहला मामला 1971 के युद्ध में युद्धबंदियों से जुड़ा था. तब भारत ने कोर्ट के न्यायाधिकार क्षेत्र पर आपत्ति जताई थी. मामले का फैसला बाद में भारत-पाकिस्तान के बीच ही हुआ था. पाकिस्तान ने ही बाद में कोर्ट को सूचित किया कि दोनों देशों ने आपस में ही समाधान निकाल लिया है. इसलिए कोर्ट की सुनवाई बंद कर दी जाए.
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1999 में भारत ने एक पाकिस्तानी जेट को मार गिराया था. यह मामला भी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में गया था. तब कोर्ट ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं माना था. इस तरह कोर्ट ने इस पर कोई भी फैसला देने से इनकार कर दिया था.
तीसरा मामला कुलभूषण जाधव का है. जानकारों की मानें तो आईसीजे पूरी तरह से भारत की आपत्तियों को शायद ही खारिज करे. वहीं दूसरी ओर, अगर भारत के पक्ष में कोर्ट फैसला सुना देता है तो इस्लामाबाद शायद ही इस पर अमल करे, क्योंकि इससे पाकिस्तान सरकार को देश में चेहरा दिखाना मुश्किल हो जाएगा. दूसरी ओर, जाधव की रिहाई के अलावा कोई भी फैसला पाकिस्तान के लिए राहत भरी हो सकती है. माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट पाकिस्तान से जाधव को फांसी की सजा न देने और राजनयिक पहुंच देने की अनुमति देने का आदेश भी दे सकता है.
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भारत ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मजबूती से कुलभूषण जाधव के पक्ष में फैक्ट रखे हैं. भारत हर हाल में जाधव की रिहाई चाहता है. भारत को यह मंजूर नहीं होगा कि जाधव को भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के लिए काम करने वाला जासूस करार दिया जाए.
HIGHLIGHTS
- भारत और पाकिस्तान के बीच के तीन मामले अब तक गए हैं ICJ में
- हर हाल में कुलभूषण जाधव की रिहाई चाहता है भारत
- 1999 में पाकिस्तान को ICJ में भारत से मुंह की खानी पड़ी थी
Source : News Nation Bureau