May Day 2019: ऐसे हुई श्रमिक दिवस की शुरुआत, जानें इसके पीछे की कहानी

इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
May Day 2019: ऐसे हुई श्रमिक दिवस की शुरुआत, जानें इसके पीछे की कहानी

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी

Advertisment

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई, जब अमेरिका में कई मजदूर यूनियन ने काम का समय 8 घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी. इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था. मजदूरों पर यह बम किसने फेंका अइसका आज तक किसी का कोई पता नहीं. लेकिन प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चला दी और कई मजदूर मारे गए. शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया. इसके बाद पेरिस में 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेमार्केट नरसंघार में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा. तब से ही भारत समेत दुनिया के करीब 80 देशों में मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा.

इस मौके पर मजदूर संगठनों से जुड़े लोग रैली निकालते हैं और अपने हकों के लिए आवाज भी बुलंद करते हैं. खास बात ये है कि मई दिवस को दुनिया के कई देशों में प्राचीन वसंतोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.

यह भी पढ़ें- अखिलेश पर बरसे पीएम मोदी, कहा- हमारे बबुआ तो ऐसा समाजवाद लाए की टोटी तक नहीं छोड़ा

Labour Day को कामगार दिन, कामगार दिवस, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में जाना जाता है. वहीं, अमेरिका में आधिकारिक तौर से सितंबर के पहले सोमवार को लेबर डे मनाया जाता है. हालांकि, मई डे की शुरुआत अमेरिका से ही हुई थी. 1886 में मई डे के मौके पर 8 घंटे काम की मांग को लेकर 2 लाख मजदूरों ने देशव्यापी हड़ताल कर दी थी. हड़ताल के दौरान ही शिकागो की हेय मार्केट में एक धमाका हो गया था जिसके बाद पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी. सात मजदूरों की घटना में मौत हो गई थी.

तब काफी संख्या में मजदूर सातों दिन 12-12 घंटे लंबी शिफ्ट में काम किया करते थे और सैलरी भी कम थी. बच्चों को भी मुश्किल हालात में काम करने पड़ रहे थे. अमेरिका में बच्चे फैक्ट्री, खदान और फार्म में खराब हालात में काम करने को मजबूर थे. इसके बाद मजदूरों ने अपने प्रदर्शनों के जरिए सैलरी बढ़ाने और काम के घंटे कम करने के लिए दबाव बनाना शुरू किया. 1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की बैठक हुई. इस दौरान प्रस्ताव पारित किया गया कि तमाम देशों में अंतरराष्ट्रीय Labour Day मनाया जाएगा.

Source : News Nation Bureau

Labour Day International Labor Day Labor Union
Advertisment
Advertisment
Advertisment