अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labor Day) की शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन से हुई थी. भारत में इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को चेन्नई से की थी. अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2019 की थीम 'सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए मजदूर वर्ग एक हो' है.
इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने को लेकर आंदोलन पर चले गए थे. 1 मई, 1886 के दिन मजदूर लोग रोजाना 15-15 घंटे काम कराए जाने और शोषण के खिलाफ पूरे अमेरिका में सड़कों पर उतर आए थे.
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कैसे और क्यों हुई मजदूर दिवस की शुरुआत
मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को तब हुई जब अमेरिका के मजदूर संघों ने निश्चय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे, जिसके लिए संगठनों ने हड़ताल कर दी थी. इस हड़ताल के दौरान मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ, जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी.
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जिसमें 7 मजदूरों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. इसके बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें यह ऐलान किया गया कि मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
Source : News Nation Bureau