आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. कोरोना संकट के बीच आज यानी 21 जून को देशभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इसके लिए लोग डिजिटल प्लैटफॉर्म के साथ जुड़े हैं. कोरोना के चलते आज योग दिवस के कार्यक्रम ऑनलाइन आय़ोजित किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज योग दिवस के मौके पर ऑनलाइन माध्यम से लोगों को संबोधिति किया.
संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, कोरोना संकट के दौरान योग सेहत के लिए जरूरी है. पीएम मोदी ने कहा, छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं. अंतर्राष्ट्रीययोगदिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है. ये विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है.
पीएम मोदी ने कहा, बच्चे, बड़े, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी जब एक साथ योग के माध्यम से जुडते हैं, तो पूरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए, इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी Family Bonding को भी बढ़ाने का दिन है.
यह भी पढ़े: देश में कोरोना मरीजों की संख्या 4 लाख के पार, दिल्ली में 24 घंटे में आए 3875 नए मामले
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, COVID-19 वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र, यानि कि respiratory system पर attack करता है. हमारे Respiratory system को strong करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम, यानि कि breathing exercise.
योग दिवस पर उन्होंने कहा, आप प्राणायाम को अपने प्रतिदिन के अभ्यास में जरूर शामिल करिए, और अनुलोम-विलोम के साथ साथ दूसरी प्राणायाम techniques को भी सीखिए और उनको सिद्ध कीजिये. पीएम मोदी ने कहा, स्वामी विवेकानंद कहते थे- एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है'. किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है.
यह भी पढ़े: पाक सेना का पूर्व डॉक्टर और 26/11 मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा अमेरिका में गिरफ्तार
प्रधानमंत्री ने कहा, योग का साधक कभी संकट में धैर्य नहीं खोता है. योग का अर्थ ही है- ‘समत्वम् योग उच्यते’ अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है.
उन्होंने कहा, जब हम योग के माध्यम से समस्याओं के समाधान और दुनिया के कल्याण की बात कर रहे हैं, तो मैं योगेश्वर कृष्ण के कर्मयोग का भी आपको पुनः स्मरण करना चाहता हूं. गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है- ‘योगः कर्मसु कौशलम्’.
हमारे यहां कहा गया है कि युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु. युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा . अर्थात्, सही खान-पान, सही ढंग से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम, अपनी duties को सही ढंग से करना ही योग है.
पीएम मोदी ने कहा, एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे. हम प्रयास करेंगे कि Yoga at home and Yoga with family को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. हम जरूर सफल और विजयी होंगे