7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देश के 75 ऐतिहासिक स्थानों पर ‘योगा एन इंडियन हेरिटेज’ कार्यक्रम का आयोजन किया. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली के लाल किले से योगा किया, कोरोना प्रोटोकॉल के चलते उनके साथ संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों समेत कुल 20 लोगों योगा किया. संस्कृति मंत्रालय के कार्यक्रम से जुड़कर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, लेह सांसद जामयांग सेरिंग नामग्या व अन्य गणमान्यों ने भी योगा किया . योग अभ्यास के बाद संगीत नाटक अकादमी और क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए.
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केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीन पद्वति है जिसका महत्व अब दुनिया समझ रही है और उसका लाभ ले रही है. मेरी युवा पीढ़ी से गुजारिश है कि वो योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, योग युवाओं के लिए बेहतरीन सीढ़ी है, उन्हें इसका महत्व समझना चाहिए. और जीवन में उतारना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आज सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है, और इन सालों में योग को विश्व में पहचान दिलाने का श्रेय माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी को जाता है, जिन्होंने योग की ताकत और महत्व को समझा और पूरी दुनिया तक पहुंचाया. आजादी के 75 साल पर योग संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी है ताकि सब इसका लाभ लेकर अपना जीवन सुंदर और स्वस्थ बना सकें.
पटेल ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के दौर में योग पूरी दुनिया के लिए सुरक्षा कवच साबित हुआ है, लोगों ने इसके महत्व को समझकर अपने जीवन में उतारा और संकट के इस दौर में खुद को सुरक्षित किया है. योग के प्रति लोगों का विश्वास और उत्साह लगातार बढ़ रहा है. योग कोरोना से पहले भी मददगार था, कोरोना के बीच भी मददगार था और कोरोना के बाद तो है ही, जैसे हम भोजन और स्वास्थ्य से बंधे हैं योग को भी साथ जोड़ें.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया पीएम मोदी ने कहा कि अब विश्व को एम- योगा ऐप की शक्ति मिलने जा रही है. इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि एम- योगा ऐप योग का विस्तार दुनियाभर में करने और 'वन वर्ड वन हेल्थ' के प्रयासों को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग पूरे विश्व के लिए सुलभ हो. आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है.