7 अगस्त 2020 को कोझीकोड हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान के दुर्घटना की जांच पूरी हो चुकी है. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) को रिपोर्ट सौंप दी है. कोझिकोड विमान हादसे के एक साल के बाद रिपोर्ट सामने आई है जिसमे खुलासा हुआ है विमान हादसे की वजह पायलट का एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रिया का पालन नहीं करना हो सकता है. साथ मे रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अलग अलग तरीकों से जुड़ी विफलताओं यानी सिस्टेमेटिक ढंग से जुड़ी विफलताओं को भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता. अगस्त 2020 को एयर इंडिया का विमान बोइंग 737 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें दोनो पायलट समेत 21 लोगों की मौत हो गई थी. विमान में 191 लोग सवार थे.
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने अपनी जांच में पाया कि विमान रनवे एंड सेफ्टी एरिया सहित रनवे से आगे निकल गया, स्थानीय एंटीना को प्रभावित किया, प्रकाश तक पहुंच गया, और टेबलटॉप रनवे से गिर गया. परिधि सड़क के प्रभाव के कारण विमान तीन खंडों में टूट गया. दोनों विंग टैंकों से ईंधन का रिसाव हुआ था. लेकिन इसके प्रभाव के बाद कोई आग नहीं लगी थी.
दुबई से 174 यात्रियों को लेकर आ रहा एयर इंडिया का विमान कोझिकोड एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में पायलट और को-पायलट समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी. नागरिक विमानन मंत्रालय ने कहा कि विमान में 174 यात्री, 10 बच्चे, दो पायलट और पांच केबिन क्रू सवार थे. कुल 191 लोग सवार थे.
एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे पर दो विमानन विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि फिसलन भरा रनवे, तेज हवा, खराब मौसम की स्थिति और नियमित स्थान से आगे विमान का उतरना, ये सब मिलाकर एक घातक संयोजन हो सकते हैं, जिस कारण कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस की स्किडिंग हुई होगी.
यह भी पढ़ें:क्लाइमेट चेंज फंडिंग पहल शुरू करने के लिए भारत आएंगे जॉन केरी
कोझिकोड हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच करने गई नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की एक टीम ने शनिवार को विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है. ब्लैक बॉक्स फ्लाइट डेटा के अलावा पायलटों के बीच हुई बातचीत और साथ ही साथ उनके और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर के बीच हुए संवाद को रिकॉर्ड करता है.
कोझिकोड के जिस हवाई अड्डे पर ये विमान हादसा हुआ वो टेबल टॉप रनवे है. आमतौर पर रनवे पर बीच में भी लाइट होती है जिसे सेंटर लाइट कहा जाता है. इससे रात में लैंडिंग के दौरान रनवे का अंदाजा रहता है, लेकिन इस रनवे पर सेंटर लाइट नहीं थी. इस रनवे पर बड़े जहाज़ नहीं आते हैं, क्योंकि ये रनवे खतरनाक होता है. बारिश के मौसम में ये रनवे और भी खतरनाक हो जाते हैं. दरअसल, खराब मौमस में ऐसे रनवे पर विजिबलिटी काफी कम रहती है, जिससे हादसे की संभावना रहती है. गुरुवार से ही कोझिकोड में तेज बारिश हो रही थी और मौसम काफी खराब था. माना जा रहा है कि इसी कारण एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान सही से लैंड नहीं हो पाया और वो फिसलकर खाई में गिर गया.
HIGHLIGHTS
- दुबई से 174 यात्रियों को लेकर आ रहा एयर इंडिया का विमान कोझिकोड एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था
- विमान में 174 यात्री, 10 बच्चे, दो पायलट और पांच केबिन क्रू सवार थे. कुल 191 लोग सवार थे
- विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) को रिपोर्ट सौंप दी है