वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के एक मामले को विशेष जांच दल (एसआइटी) ने सबूतों के अभाव में बंद कर दिया है। कश्मीरी गेट इलाके में भीड़ ने दो लोगों की हत्या कर दी थी। इस बात की जानकारी दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में दी।
इस मामले को लेकर महानगर दंडाधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान कोई सुबूत नहीं मिला है। साल 2015 में गृह मंत्रालय के आदेश पर एसआइटी का गठन किया गया था और सिख दंगों से जुड़े मामलों की दोबारा जांच के आदेश दिए गए थे।
पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने मृतकों के परिजनों को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। 16 पेज की रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि कश्मीरी गेट इलाके में दो लोगों की हुई हत्या के मामले में कोई सुबूत नहीं मिला है। इस कारण जांच बंद कर दी गई है।
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वहीं अभियोजन पक्ष का कहना है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1 नवंबर 1984 को कश्मीरी गेट टैक्सी स्टैंड के पास 15 से 20 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था। भीड़ ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
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Source : News Nation Bureau