दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर और अन्य को बुधवार को जमानत दे दी. इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति आरोपी हैं. चिदंबरम को इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने वित्त मंत्री के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) प्रदीप कुमार बग्गा और एफआईपीबी के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना को भी जमानत दे दी. अदालत ने वित्त मंत्रालय में एफआईपीबी इकाई के पूर्व सेक्शन अधिकारी अजीत कुमार डुंगडुंग, एफआईपीबी इकाई में तत्कालीन अवर सचिव रबींद्र प्रसाद और पूर्व संयुक्त सचिव (विदेश व्यापार) डीईए अनूप के पुजारी को भी राहत प्रदान की.
अदालत ने उन्हें दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी और आरोपियों को निर्देश दिया कि वे बिना अनुमति देश नहीं छोड़ेंगे. साथ में अदालत ने उन्हें साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और जांच में बाधा नहीं डालने के भी निर्देश दिए. सीबीआई ने उनके जमानत के आवेदनों का यह कहते हुए विरोध किया कि अगर उन्हें राहत दी जाती है तो वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और न्याय से भाग सकते हैं. आरोपियों को जमानत देने का अनुरोध करते हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और वकील विकास कुमार पाठक ने कहा था कि सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया.
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उन्होंने कहा, अब जब जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और अंतिम रिपोर्ट दायर की जा चुकी है, तो उन्हें हिरासत में लेने का कोई आधार नहीं है, क्योंकि इस तरह का कोई आधार नहीं है जो संकेत करता हो कि उन्होंने जांच में बाधा डालने की कोशिश की. अदालत ने मंगलवार को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह मामले में आरोप पत्र के साथ दायर कुछ दस्तावेजों को चिदंबरम और उनके बेटे को सौंपे. चिदंबरम और कार्ति ने अदालत से कहा था कि उन्हें आरोप पत्र के साथ दायर विभिन्न कागजात नहीं मिले हैं.
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चिदंरबरम को पिछले साल 21 अगस्त को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद 16 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन के एक अलग मामले में पूर्व वित्त मंत्री को गिरफ्तार कर लिया था. इसके छह दिन बाद, 22 अक्टूबर ने उच्चतम न्यायालय ने उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जमानत दे दी थी.
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हिरासत में 105 दिन गुजारने के बाद चार दिसंबर को शीर्ष अदालत ने ईडी के मामले में उन्हें जमानत दे दी. सीबीआई ने 15 मई, 2017 को आईएनएक्स मीडिया समूह को दी गई विदेश निवेश प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था जिसके अनुसार, चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए मिली इस मंजूरी के माध्यम से आईएनएक्स मीडिया समूह ने विदेश से 305 करोड़ रुपये प्राप्त किए. भाषा नोमान नरेश नरेश