INX मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है. जस्टिस रमन्ना ने कहा, जब तक केस लिस्ट नहीं हो जाता, तब तक मामला नहीं सुना जा सकता. ऐसे में चिदंबरम के लिए परेशानियां अभी भी कम होती नहीं दिख रही है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि पी चिदंबरम पर फिलाहल कौन-कौन से मामलों में कौन-कौन से आरोप हैं?
आईएनएक्स मीडिया केस
पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में अभियुक्त हैं. इस केस की जांच सीबीआई कर रही है. मीडिया कंपनी आईएनएक्स के ख़िलाफ़ सीबीआई ने 15 मई , 2017 को एक एफ़आईआर दर्ज की थी. आरोप है कि आईएनएक्स को फ़ायदा पहुंचाने के लिए विदेशी निवेश को स्वीकृति देने वाले विभाग फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईपीबी) ने कई तरह की गड़बड़ियां की थीं. जब कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री हुआ करते थे. सीबीआई का आरोप है कि पी चिदंबरम ने अपने पावर का उपयोग कर आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से क्लीयरेंस दिलवाया था. सीबीआई के साथ ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया था , जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है.
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Aircel Maxis मामला
एयरसेल मैक्सिस डील का मामला फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड ( FIPB) से जुड़ा है. साल 2006 में जब पी चिदंबरम मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री थे तो उन्होंने इस डील को मंजूरी दी थी और अब उन पर आरोप है कि चिदंबरम के पास तो सिर्फ 600 करोड़ रुपए तक के ही प्रोजेक्ट को मंजूरी देने का अधिकार था, अगर इससे अधिक के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए चिदंबरम को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी पड़ेगी लेकिन उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी नहीं ली थी.
एयरसेल मैक्सिस डील मामला 3, 500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था. इस मामले में फिलहाल दिल्ली की एक अदालत ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर एफआईआर दर्ज की गई है
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तीसरा और नया मामला एयरबस
यूपीए सरकार के कार्यकाल में कथित तौर पर हुये विमानन घोटाले में धनशोधन रोधी मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को तलब किया है. अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम को 23 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
Source : शंकरेश कुमार