INX मीडिया मामले में पी चिंदबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इस बीच सीबीआई भी लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई है. दिल्ली हाई कोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद मंगलवार देर रात को दोबारा सीबीआई की टीम चिदंबरम के घर पहुंची थी. बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम ने उनके घर पर नोटिुस चिपकाकर उन्हें दो घंटे के अंदर पेश होने का निर्देश दिया था.
वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की अर्जी पर आज सुनवाई हो सकती है.
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चिंदबरम को ई-मेल के जरिए भी भेजा गया समन
सीबीआई अधिकारियों का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी कर रहे थे. हालांकि , अभी स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी चिदंबरम के आवास पर उन्हें गिरफ्तार करने गए थे या पूछताछ के लिए. अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम के आवास पर गई टीम के सदस्यों ने सीबीआई मुख्यालय आकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की.
टीम के सदस्यों ने चिदंबरम के आवास पर नोटिस चस्पा किया जिसमें सीबीआई के उपाधीक्षक आर पार्थसारर्थी के समक्ष पेश होकर सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान दर्ज कराने को कहा गया. सूत्रों ने बताया कि समन चिदंबरम को ई-मेल के जरिए भी भेजा गया है.
सिब्बल का सवाल , इतनी देर से फैसला क्यों ?
वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर चिदंबरम ने भले ही बात नहीं न की हो , लेकिन उनके वकील और कांग्रेस नेता सिब्बल ने मीडिया से बात की है. उन्होंने कहा कि 15 महीने से उन्हें गिरफ्तारी से राहत थी और फैसला 24 जनवरी को सुरक्षित रखा गया था और न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने अपनी सेवानिवृत्ति के दो दिन पहले फैसला सुनाया. सिब्बल ने कहा , 'फैसला दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर सुनाया गया. हम नहीं जानते क्यों इस समय सुनाया गया.'
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उन्होंने कहा, हमने उच्चतम न्यायालय में अपील करने के लिए तीन दिन के लिए फैसले को लागू किए जाने पर रोक लगाने के लिए कहा.
उन्होंने कहा (न्यायमूर्ति गौड़) का वह आदेश सुनाएंगे , जिसे शाम चार बजे सुनाया गया.’ उन्होंने कहा कि वह फैसले की प्रति के बिना ही शीर्ष अदालत में हैं और उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिए चीजें कठिन बनाई गईं.
चिदंबरम के खिलाफ काम आया इंद्राणी और पीटर मुखर्जी का बयान
बताया जा रहा है कि चिदंबरम के खिलाफ इंद्राणी और पीटर मुखर्जी का बयान जांच एजेंसियों के लिए काफी काम आया. इंद्राणी ने जांच एजेंसी को दिए बयान में कहा कि INX मीडिया की अर्जी फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड ( FIPB) के पास थी. इस दौरान उन्होंने पति पीटर मुखर्जी और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ पूर्व वित्त मंत्री के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में जाकर मुलाकात की थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा , ' पीटर ने चिदंबरम के साथ बातचीत शुरू की और INX मीडिया की अर्जी एफडीआई के लिए है और पीटर ने अर्जी की प्रति भी उन्हें सौंपी. FIPB की मंजूरी के बदले चिदंबरम ने पीटर से कहा कि उनके बेटे कार्ति के बिजनस में मदद करनी होगी. ' इस बयान को ईडी ने चार्जशीट में दर्ज किया और कोर्ट में भी इसे सबूत के तौर पर पेश किया गया.
चिदंबरम को मिले कितनी रकम ? खुलासा नहीं
प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को दी जानकारी में कहा कि इंद्राणी ने पी. चिदंबरम को कितनी रकम रिश्वत के तौर पर दी , इसका खुलासा नहीं किया है. जांच एजेंसी के अनुसार , '2008 में FIPB की मंजूरी में जब अनियमितताओं की बात सामने आई तो पीटर ने फिर से चिदंबरम से मिलने की कोशिश की. चिदंबरम उस वक्त वित्त मंत्री थे और पीटर ने मुश्किलों के समाधान के लिए उनसे मिलने का तय किया, पीटर ने कहा कि कथित अनियमितताओं से संबंधित मसले को कार्ति चिदंबरम की सलाह और मदद से सुलझाया जा सकता है क्योंकि उनके पिता ही वित्त मंत्री हैं. '
कार्ति ने 10 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर लिए '
इंद्राणी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि कार्ति से उनकी और पीटर की मुलाकात दिल्ली के एक होटल में हुई. इंद्राणी ने अपने बयान में कहा , 'कार्ति ने इस मामले को सुलझाने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे. कार्ति ने कहा कि उनके किसी ओवरसीज बैंक अकाउंट या असोसिएट के बैंक अकाउंट में यह रकम जमा करनी होगी , ताकि मामले को सुलझाया जा सके. पीटर ने कहा कि ओवरसीज ट्रांसफर संभव नहीं है तो कार्ति ने दो फर्म चेस मैनेजमेंट और अडवांटेज स्ट्रैटिजिक में पेमेंट का सुझाव दिया. '