ईरान के राष्ट्रपति डॉ हसन रुहानी गुरुवार शाम को तीन दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। रुहानी के इस दौरे पर भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होने वाली है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 'मोदी व रूहानी शनिवार को यहां द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसमें द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा व क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर आपसी हित पर विचार विमर्श किया जाएगा।'
इसके अलावा रुहानी शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे।
ईरानी राष्ट्रपति हैदराबाद में शुक्रवार को मक्का मस्जिद में मुस्लिम धार्मिक सभा को संबोधित करेंगे। दिल्ली निकलने से पहले रुहानी इस ऐतिहासिक मस्जिद में शुक्रवार की प्रार्थना में भी हिस्सा लेंगे। साथ ही वे भारत में रहने वाले ईरानी नागरिकों और छात्रों से भी मुलाकात करेंगे।
रुहानी के इस सत्र में विभिन्न स्कूल ऑफ थॉट्स के धार्मिक विद्वान भाग लेने वाले हैं। यह हैदराबाद में रुहानी की दूसरी यात्रा है और 2013 में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद पहला दौरा होगा।
ईरानी राष्ट्रपति के इस दौरे पर चाबहार बंदरगाह और अन्य आर्थिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत होने की संभावना है। बता दें कि ईरान भारत को कच्चे तेल निर्यात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है।
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यह दौरा मोदी की 2016 की तेहरान यात्रा के बाद हो रहा है, जिसमें भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच पारगमन और परिवहन के त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।
भारत ने ईरान के दक्षिणपूर्वी शहर चाबहार में शाहिद बहिश्ती बंदरगाह के विकास के लिए 8.5 करोड़ डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। बंदरगाह के प्रथम चरण का उद्घाटन राष्ट्रपति रुहानी ने बीते साल दिसंबर में किया था।
इस बंदरगाह ने पाकिस्तान से अलग ईरान, भारत, अफगानिस्तान व अन्य मध्य एशियाई देशों के बीच एक नया पारगमन मार्ग खोला है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत और ईरान का द्विपक्षीय व्यापार 2016-17 में 12.89 अरब डॉलर रहा।
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Source : News Nation Bureau