ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को नई दिल्ली दौरे के दौरान यूनाइटेड नेशन सिक्यॉरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता सीट का समर्थन किया।
रूहानी ने कहा, '130 करोड़ लोगों का ताकतवर देश होते हुए भी भारत के पास वीटो अधिकार क्यों नहीं है? जिन 5 देशों के पास परमाणु बम है, उनके पास वीटो अधिकार है।'
रुहानी ने कहा कि लंबे समय से हमारी अर्थव्यवसथा, संस्कृति, शिक्षा सब पर अमेरिका का नियंत्रण रहा है। यहां तक की हमारे सभी सैन्य कैंप पर भी उनका नियंत्रण रहा है।
परमाणु समझौते पर बोलते हुए ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि उनका देश 'अंतिम सांस तक' दुनिया की शक्तियों के साथ इसका पालन करेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह समझौता टूटता है तो आमेरिका को बहुत 'अफसोस' होगा।
गौरतलब है कि अमेरिका ने समझौते से पीछे हटने की धमकी दी थी और परमाणु समझौते की समीक्षा की बात कही थी।
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रूहानी ने कहा, 'एक देश के तौर पर हमने हमेशा समझौतों का पालन किया है। हम इसका उल्लंघन नहीं करेंगे और बोर्ड में बने रहेंगे। यह ईश्वर का आदेश है। अगर हमने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं तो हमें इस पर 'अंतिम सांस' तक टिकना होगा।'
उन्होंने 'इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की विदेश नीति की प्राथमिकताएं' पर बोलते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के पास मोल-भाव का समय खत्म हो गया है और करार पर हस्ताक्षर होने के बाद इस पर ऐसी चर्चा दुर्भाग्यपूर्ण है।
आपको बता दें कि 2015 में ईरान और 6 ताकतवर देशों अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी के बीच मे हुए इस परमाणु समझौते को रोक दिया गया था।
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Source : News Nation Bureau