उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई. उच्चतम न्यायालय (SC) ने दूरसंचार (Telecom) एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से यह बताने को कहा कि एजीआर बकाये के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.
यह भी पढ़ें : संबित पात्रा का राहुल गांधी पर पलटवार, पूछा- क्या फायदे से ऊपर कुछ सोच सकते हैं?
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस एम.आर.शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के उस आदेश पर अफसोस जताया, जिससे एजीआर मामले में दिये गये फैसले के अनुपालन पर रोक लगी. पीठ ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है. बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक डेस्क अधिकारी अटॉर्नी जनरल और अन्य संवैधानिक प्राधिकरणों को पत्र लिखकर बता रहा है कि उन्हें दूरसंचार कंपनियों द्वारा बकाये के भुगतान पर जोर नहीं देना चाहिए. तल्ख टिप्पणी में न्यायालय ने कहा कि यदि एक डेस्क अधिकारी न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता करता है तो फिर उच्चतम न्यायालय को बंद कर दीजिए.
यह भी पढ़ें : चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद यादव की जमानत को CBI ने दी थी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
कोर्ट ने कहा कि हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया. देश में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, इससे हमारी अंतरआत्मा हिल गयी है. उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने एजीआर बकाये को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों तथा कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था. इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी.
Source : News Nation Bureau