भारत सरकार ने जिस तरह से देश विरोधी ताकतों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किए हैं. इससे बौखलाया आईएसआई ने आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल पर भारत में कुछ बड़ा करने का दबाव बनाया है. देश की राजधानी दिल्ली में एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार मुस्तकीम उर्फ युसूफ खान को फिदायीन व लोन वुल्फ अटैक कराने के लिए तैयार करना उसी साजिश का हिस्सा था, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते नाकाम कर दिया, लेकिन जिस तरह युसुफ खान से भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार, आईएसआईएस की टी शर्ट और आत्मघाती हमले के लिए तैयार की गई जैकेट आदि रिकवरी हुई है और यह पता चला है कि वह साल 2015 से आईएसआईएस के आईएसकेपी ग्रुप के अलग-अलग कमांडर के संपर्क में था.
उससे पहले मुस्तकीम उर्फ युसूफ खान दुबई भी कई साल रहकर आया था. उससे सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह चुनौती बड़ी हो गई है कि युसुफ जैसे और भी रेडकलाइज युवा हो सकते हैं, जो आईएसकेपी से प्रभावित हों, उनके कमांडर्स के संपर्क में हों और आतंकी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में जुटे हों.
इंडियन मुजाहिद्दीन का ही नया चेहरा है आईएसकेपी
युसूफ खान से अभी तक की पूछताछ और रिकवरी से एक बात तो साफ हो चुकी है कि आईएसआईएस का खुरासान मॉड्यूल यानी कि आईएस केपी संगठन भारत के विभिन्न राज्यों में अपने पांव पसारने की मुहिम में लगातार जुड़ा हुआ है. पूछताछ में यह भी पता चला कि युसूफ खान को सबसे रेडिकलाइज अफगानिस्तान से युसूफ अल हिंदी ने किया था. अल हिंदी पहले इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था. इससे जाहिर होता है कि आईएस केपी इंडियन मुजाहिदीन का ही नया चेहरा है.
हिन्दुस्तान से फरार इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी सफी अरमार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर खुरासान मॉड्यूल चला रहा था. हिन्दुस्तान में इंडियन मुजाहिद्दीन के एक्सपोज़ हो जाने के बाद यूसुफ अल-हिंदी ने IM के फरार आतंकियों को साथ लेकर ISI के इशारे पर ISIS खुरासान मॉड्यूल बनाया.
ISI के इशारे पर ही ISIS खुरासान को दिल्ली दहलाने की जिम्मेदारी दी गई थी. सफी अरमार ने इस टास्क के लिए अब्दुल यूसुफ को चुना था. अफगानिस्तान में बैठकर अल हिंदी हिंदुस्तानी जवानों को जेहाद के लिए तैयार करता था, जो अमेरिका के ऑपरेशन में मारा गया.
अल हिंदी के मारे जाने के बाद युसूफ का दूसरा आईएसआईएस हैंडलर बना अबू हाजफा अल पाकिस्तानी. उसने युसुफ को परिवार समेत आफगानिस्तान बुलाने का भरोसा भी दिया था, जिसके भरोसे में आकर उसने परिवार समेत पासपोर्ट भी बनवा लिया था. फिर अबू हाजफा भी अमेरिकी ऑपरेशन में मारा गया. तीसरे हैंडलर ने उसे आफगानिस्तान बुलाने की जगह भारत में रहने के निर्देश दिए और लोन वुल्फ अटैक के लिए रैडिकलाइज किया. युसूफ साल 2006 से 2010 तक सउदी अरब भी रहा था. आशंका है कि वह उसी दौरान रेडकलाइज होने लगा था. स्पेशल सेल अरब कंट्रीज से लौटे युसूफ जैसे अन्य युवाओं पर भी नजर रख रही है.
दो एप के जरिये पाकिस्तान अफगानिस्तान में बैठे आतंकियों से बात करता था. ISIS का अयोध्या में किसी बड़े मौके पर विस्फोटों से भरी जैकेट पहन कर फिदायीन हमला करने का प्लान था. कड़ी सुरक्षा और लॉक डाउन की वजह से आतंकी बड़े हमले को अंजाम नहीं दे पाया. जिस तरह 15 अगस्त के दिन दिल्ली में ब्लास्ट करना था, लेकिन कड़ी सुरक्षा की वजह से दिल्ली नहीं आ पाया था.
लोन वुल्फ अटैक करने के लिए अपने घर में फायरिंग बोर्ड पर एयर गन से प्रैक्टिस करता था. इसका पहला प्लान था कि किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर एक साथ दो प्रेशर कुकर में ब्लास्ट करके तबाही मचाई जाए. उसके बाद विस्फोट से भरी जैकेट पहनकर किसी बड़े आदमी तक पहुंचने के लिए पहले फायरिंग कर कई लोगों को मारा जाए उसके बाद खुद को जैकेट समेत उड़ा दिया जाए.
जाकिर नाइक को सुनता था युसूफ खान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार रात रिज रोड से एनकाउंटर के बाद पकड़ा गया मुस्तकीम उर्फ अबू यूसुफ जाकिर नाइक के वीडियो अक्सर देखा करता था. वह सोशल मीडिया पर नाइक के वीडियो को देखता था. पुलिस को इसके सबूत भी मिले हैं.
Source : News Nation Bureau