अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के ताजा बयानों पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकाने के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और तालिबान तथा अन्य आतंकी समूहों के लिए जमीन की पहुंच में कटौती करनी चाहिए।
कुरैशी ने अफगानिस्तान में शांति के खिलाफ काम करने के लिए कुछ अज्ञात बल का उल्लेख किया था और समूह पर नजर रखने का आग्रह किया था।
कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन उनका मानना है कि अफगानिस्तान के बाहर कोई गुट शांति प्रक्रिया को खराब कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगान विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाहों से फायदा हो रहा है, जिनका इस्तेमाल अफगानिस्तान को असुरक्षित बनाने के लिए किया जा रहा है।
बयान के अनुसार, तालिबान ने हाल ही में हिंसा में वृद्धि के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है और अभी तक वह वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संबंध नहीं तोड़ पाया है।
बयान में कहा गया है, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान, अफगानिस्तान में संकट के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और इस दुख के लिए राजनीतिक समाधान की मांग करता है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ कमर जावेद बाजवा से अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा पर सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने के लिए कहा है।
पाकिस्तान आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के आरोपों से इनकार करता रहा है और उसने हमेशा अफगान शांति प्रक्रिया में रचनात्मक भूमिका निभाने का दावा किया है।
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Source : IANS