जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ के बाद इस्लामिक स्टेट का बड़ा दावा, भारत में बनाया 'विलायाह ऑफ हिंद'

कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपोरा में आईएस ने भारतीय जवानों को मौत के घाट उतार देने का किया वादा

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ के बाद इस्लामिक स्टेट का बड़ा दावा, भारत में बनाया 'विलायाह ऑफ हिंद'

प्रतीकात्मक फोटो

Advertisment

इस्लामिक स्टेट ने सनसनीखेज दावा किया है. उन्होंने कहा है कि वह भारत में पहली बार 'विलायाह ऑफ हिंद' प्रांत स्थापित करने में सफलता पाई है. यह दावा सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच कश्मीर में मुठभेड़ के बाद किया गया है. बता दें कि इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था. बताया जाता है कि उसका संबंध इसी ग्रुप से था. आईएस एमाक न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को नए प्रांत का नाम 'विलायाह ऑफ हिंद' बताया.

आईएस ने कहा कि वह भारत में पहली बार 'प्रांत' स्थापित करने में सफलता पाई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच कश्मीर में मुठभेड़ के बाद यह दावा किया गया है. इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया, जिसका संबंध इसी ग्रुप से था.

आईएस एमाक न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को नए प्रांत का नाम 'विलायाह ऑफ हिंद' बताया. बयान में दावा किया गया कि कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपोरा में आईएस ने भारतीय जवानों को मौत के घाट उतार दिया. लेकिन एक पुलिस प्रवक्ता ने इस दावे को नकार दिया है. हालांकि आईएस ने माना कि शुक्रवार को इश्फाक अहमद सोफी नाम का आतंकवादी एनकाउंटर में मारा गया.

नए प्रांत की स्थापना का आईएस का दावा फिर से खड़े होने जैसा मालूम होता है. अप्रैल में इराक और सीरिया से आईएस का खलीफा राज खत्म हो गया था, जहां एक वक्त हजारों मील के इलाके में उसका शासन चलता था. इसके बाद बौखलाए आईएस ने आत्मघाती हमलों को तेज कर दिया. हाल ही में उसने श्रीलंका में कई जगह बम धमाकों को अंजाम दिया, जिसमें 253 लोग मारे गए थे.

इस्लामिक आतंकवादियों पर नजर रखने वाले SITE इंटेल ग्रुप की डायरेक्टर रीटा काट्ज ने कहा, ''ऐसे क्षेत्र में 'प्रांत' की स्थापना जहां वास्तविक प्रशासन जैसा कुछ नहीं है, बेतुका ही है, लेकिन इसे हलके में नहीं लिया जाना चाहिए''. उन्होंने कहा, "दुनिया इन चीजों पर आंखें मूंद सकती है, लेकिन इन कमजोर क्षेत्रों में जिहादियों के लिए ये आईएस 'खलीफा' के नक्शे के पुनर्निर्माण में जमीनी स्तर पर मदद करने के लिए जरूरी संकेत हैं."

एनकाउंटर में मारा गया आतंकी सोफी एक दशक से ज्यादा कश्मीर में कई आतंकी संगठनों के साथ काम कर रहा था. बाद में वह इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गया. यह जानकारी शनिवार को एक सैन्य अधिकारी ने दी. इसके अलावा आईएस से सहानुभूति रखने वाली श्रीनगर की एक मैगजीन को भी सोफी ने इंटरव्यू दिया था. सूत्रों के मुताबिक घाटी में सुरक्षाबलों, पुलिस और सेना पर कई ग्रेनेड हमले में उसका हाथ था.

सैन्य अधिकारी ने कहा, मुमकिन है कि कश्मीर में सोफी इकलौता आतंकी ही था, जो आईएस से जुड़ा था. कई दशकों से कश्मीर में आतंकी सुरक्षाबलों से लड़ रहे हैं. लेकिन वह इस्लामिक स्टेट की तरह नहीं हैं, जो दुनिया पर खलीफा राज कायम करना चाहता है. कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान दो युद्ध लड़ चुके हैं और पुलवामा में 40 जवानों के शहीद होने के बाद दोनों देश युद्ध की कगार तक पहुंच गए थे.

Source : News Nation Bureau

jammu-kashmir indian-army encounter ISIS Terrorist IS Islamic State shopiyan
Advertisment
Advertisment
Advertisment