जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के श्रीगुफारा में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच जारी एनकाउंटर में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया है। इस दौरान मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने मारे गए आतंकियों का इस्लामिक स्टेट से कनेक्शन होने की आशंका जताई है।
वैद ने कहा,'मारे गए आतकंवादियों के शव उस घर के अंदर देखे जा सकते हैं, जहां वे छिपे हुए थे। हम उनके शवों को बरामद रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'मुठभेड़ के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल शहीद हो गया, जबकि एक नागरिक भी मारा गया।'
पुलिस प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, 'मारे गए आतंकवादी कथित रूप से इस्लामिक स्टेट जम्मू एवं कश्मीर (आईएसजेके) से जुड़े हुए थे।'
वहींं पीटीआई के मुताबिक मारे गए आतंकियों में आईएसजेके (इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू-कश्मीर) का चीफ दाऊद भी शामिल है। इस एनकाउंटर में आईएसजेके का नाम आने से सुरक्षा एजेंसियां और चौकन्नी हो गई हैं।
इसके साथ ही उन अटकलों पर बात और तेज हो गई है जिसमें इस्लामिक स्टेट के जम्मू-कश्मीर में पैर पसारने की कोशिश की बात होती हैं।
इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर को आईएसआईएस का ही संगठन माना जाता है। यह संगठन भारत में युवाओं को इस्लाम के नाम पर भड़काकर उन्हें देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करता है।
हालांकि कुछ समय पहले सरकार ने भारत में इस्लामिक स्टेट के होने की खबर से इंकार किया था, लेकिन श्रीगुफारा मुठभेड़ इस संगठन की मौजूदगी का ताजा उदाहरण है।
और पढ़ें: सोज़ के बयान पर सुब्रमण्यम स्वामी का पलटवार, कहा- मुशर्रफ़ को पसंद करने वाले पाकिस्तान रहें
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर के जकूरा में ही एक आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ही ली थी। इस हमले में एक पुलिसकर्मी भी शहीद हुआ था। इसके बाद इस्लामिक स्टेट को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसी सतर्क हो गई थी।
बताया जा रहा है कि मारे गए श्रीगुफारा मुठभेड़ में आतंकी कश्मीर के ही रहने वाले हैं। मुठभेड़ में आतंकवादियों के अलावा एक नागरिक भी मारा गया है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि मारे गए नागरिक की पहचान मुहम्मद यूसुफ के रूप में हुई है। आतंकवादी जिस घर में छिपे हुए थे, वह उस घर का मालिक था। श्रीगुफारा इलाके के खिरम गांव में मुठभेड़ जारी है।
मुठभेड़ स्थल से कुछ दूरी पर दर्जनभर युवाओं ने सुरक्षा बलों पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिला प्रशासन ने किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है।
बता दें कि पुलवामा जिले में दो दिनों पहले ही सेना और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हो चुकी है। मंगलवार को हुई इस मुठभेड़ के दौरान सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया था।
और पढ़ें: 'मोदी विरोध में कांग्रेस नेता सेना का मनोबल गिराने वाला दे रहे बयान'
Source : News Nation Bureau