Israel-Hamas War: चरमपंथी संगठन हमास और इजराइल के बीच तलवारें खिंच चुकी है. हमास ने हवाई हमलों इजराइल को 1000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. वहीं, इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई में 839 फिलिस्तीनी नागरिकों को मार गिराया है, जबकि इन हमलों में 4250 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से कई लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. इस बीच भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अबू अलहैजा ने भारत से इस युद्ध में हस्तक्षेप करने की मांग की है. फिलिस्तीनी राजदूत अबू अलहैजा ने कहा कि भारत फिलिस्तीन और इजराइल दोनों का मित्र है. इसलिए गाजा पट्टी में जारी मौजूदा संकट को हल करने के लिए भारत को जरूर हस्तक्षेप करना चाहिए.
भारत ने आतंकी हमला करार दिया
हमास और इजराइल के बीच जारी लड़ाई के दौरान फिलिस्तीनी राजदूत का यह बयान इसलिए भी काफी मायने रखता है क्योंकि भारत ने हमास की तरफ से इजराइल पर किए गए हमले को आतंकी हमला करार दिया है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अबू अलहैजा ने कहा कि जारी विवाद वेस्ट बैंक में इजराइल की नीतियों की प्रतिक्रिया है. फिलिस्तीनी राजदूत ने इस युद्ध के लिए विश्व समुदाय को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को लेकर 800 प्रस्ताव पारित किए गए. लेकिन इजराइल ने उनमें से एक को भी मानने से इंकार कर दिया. अबू अलहैजा ने कहा कि इजराइल फिलिस्तीन की जमीन से हट जाए तो यह विवाद भी खत्म हो जाएगा.
भारत विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में हमारी मदद करे
अबू अलहैजा ने कहा कि फिलिस्तीन आम नागरिकों को निशाना बनाने के पक्ष में नहीं है और इस संकट का डायलॉग के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान चाहता है. क्योंकि भारत फिलिस्तीन और इजराइल दोनों का ही मित्र देश है, इसलिए हम चाहते हैं कि भारत विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत में हमारी मदद करे. उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में बिजली और खाद्य आपूर्ति को काटना एक तरह से युद्ध का कृत्य है. उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार को इजराइल के इतिहास का सबसे अतिवादी शासन करार दिया है.
Source : News Nation Bureau