भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 15 जुलाई को 56.24 मिनट पहले चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की लॉन्चिंग रोक दी थी. चंद्रयान-2 को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया जाना था, लेकिन 56.24 मिनट पहले काउंटडाउन रोक दिया गया. इसरो प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने इसरो की तरफ से बयान देते हुए कहा, जीएसएलवी-एमके3 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) में खामी आने से लॉन्चिंग रोक दी गई है. लॉन्चिंग की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी. हालांकि, बाद में इसरो के वैज्ञानिकों ने उस खामी खोजकर ठीक कर दिया.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 21 और 22 जुलाई के बीच चंद्रयान-2 लॉन्च होने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिक चंद्रयान-2 को जल्द से जल्द लॉन्च करने के इच्छुक हैं. इसरो के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, क्रायोजेनिक स्टेज के कमांड गैस बॉटल में प्रेशर लीकेज था. इसमें हीलियम भरा था. यह क्रायोजेनिक इंजन में भरे लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन को ठंडा रखने का काम करता है. हीलियम लीकेज से मिशन को रोकना पड़ा. बॉटल में हीलियम का प्रेशर लेवल नहीं बन रहा था. यह 330 प्वाइंट से घटकर 300, फिर 280 और अंत में 160 तक पहुंच गया था. इसलिए लॉन्च को रोकना पड़ा.
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इसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने सबसे पहले बाहुबली जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट के सभी स्टेज से प्रोपेलेंट (ईंधन) निकाला. इसरो वैज्ञानिकों की योजना थी कि पूरे जीएसएलवी-एमके 3 को अलग-अलग किया जाएगा, लेकिन ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ी. सिर्फ उस हिस्से को निकालकर ठीक कर दिया है, जिसमें खामी थी. इसरो वैज्ञानिकों ने हीलियम गैस बॉटल को बदल दिया है. साथ ही उस वॉल्व को भी ठीक किया है, जिससे प्रेशर लीक हो रहा था.
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अन्य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसरो वैज्ञानिकों ने हीलियम लीकेज की समस्या को ठीक कर दिया है. कुछ टेस्ट बाकी हैं, जो 17 और 18 जुलाई तक पूरे हो जाएंगे. अगर सब सही रहा तो 20 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जा सकता है. ऐसे में भारत के मून मिशन चंद्रयान-2 की यात्रा 4 दिन आगे बढ़ जाएगी. यानी पहले चंद्रयान-2 चांद पर 6 सितंबर को पहुंचने वाला था, लेकिन 20 जुलाई को लॉन्चिंग होगी तो यह 10 या 11 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा. हालांकि, जुलाई के अंत तक लॉन्चिंग की पूरी संभावना है. अगर इस महीने लॉन्च नहीं होगा तो सितंबर में लॉन्चिंग की जा सकती है.
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अगर वैज्ञानिकों के पूरा प्रयास करने के बाद भी 20 जुलाई को लॉन्च नहीं कर पाते हैं तो अगले कुछ हफ्ते चंद्रयान की लॉन्चिंग संभव नहीं है. क्योंकि, यह लॉन्च विंडो खत्म हो जाएगी. अगला लॉन्च विंडो सितंबर या अक्टूबर में आएगा. लॉन्च विंडो वह उपयुक्त समय होता है जब पृथ्वी से चांद की दूरी कम होती है और पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले उपग्रहों और अंतरिक्ष के कचरे से टकराने की संभावना बेहद कम होती है.