भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रूस के स्पेस मिशन को बधाई दी है. रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (ROSCOSMOS) को उसके लूनर मिशन ‘लूना-25’ की सफल लॉन्चिंग को लेकर इसरो ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है. उसने कहा, 'अंतरिक्ष यात्राओं का एक समय पर होना एक खास अनुभव देता है. हम ये कामना करते हैं कि चंद्रयान-3 एवं लूना-25 मिशन अपने तय लक्ष्यों को सफलता से प्राप्त करें. शुभकामनाएं.’ गौरतलब है कि रूस ने 47 साल बाद कोई मून मिशन को लॉन्च किया है. इससे पहले 1976 में रूस चंद्रमा मिशन को लॉन्च किया था. लूना-25 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर पानी खोजना है. ये भी साउथ पोल पर उतरेगा. इसे अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया है.
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यह जगह मॉस्को से करीब 5,550 किमी ईस्ट में बढ़ेगी. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार लूना-25 चांद की यात्रा पर है. पांच दिनों के बाद ये लूनर ऑर्बिट में स्थापित हो जाएगा. 7-10 दिन तक चंद्रमा का ये चक्कर लगाने वाला है. बताया जा रहा है कि लूना-25 आगामी 21 या 22 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला है.
Congratulations, Roscosmos on the successful launch of Luna-25 💐
Wonderful to have another meeting point in our space journeys
Wishes for
🇮🇳Chandrayaan-3 &
🇷🇺Luna-25
missions to achieve their goals.— ISRO (@isro) August 11, 2023
गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने गत 14 जुलाई को अपना तीसरा लूनर मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया था. यह 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करने वाला है. चंद्रमा के साउथ पोल पोल पर होगी. इससे पहले देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था. अब देखने वाली बात है कि रूस के लूना-25 और भारत के चंद्रयान-3 में पहले कौन लैंड करता है. अंतरिक्ष विज्ञानी व्लादिमीर सर्डिन का अनुमान है कि लूना-25 मिशन की सफलता संभावना 50 फीसदी है. वहीं इसरो चीफ एस.सोमनाथ चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं.
HIGHLIGHTS
- रूस ने 47 साल बाद कोई मून मिशन को लॉन्च किया
- 7-10 दिन तक चंद्रमा का ये चक्कर लगाने वाला है
- लूना-25 मिशन की सफलता संभावना 50 फीसदी है
Source : News Nation Bureau