बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान 'फानी' 190 किमी/घंटा की रफ्तार से ओडिशा पहुंचा. हवाओं में इतनी स्पीड थी कि कई पुराने पेड़ जड़ से उखड़ गए थे. तटीय इलाकों के कच्चे घर खंडहर में तब्दील हो गए. बिजली और टेलिफोन के खंभे उखड़ गए. कई बसें और कारें तूफान के चलते हवा में कलाबाजियां खाती हुईं दिखाई दीं घरों के दरवाजे और खिड़कियां तूफान के रास्ते की बाधा नहीं बन सके लेकिन इस तूफान के बावजूद ओडिशा के लगभग 11.5 लाख लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. यह सब सिर्फ इसलिए संभव हो पाया क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के उपग्रहों ने 'फानी' तूफान के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी थी. ये हर 15 मिनट पर ग्राउंड स्टेशन को नई जानकारी दे रहे थे.
चक्रवाती तूफान 'फानी' को पिछले 43 सालों का सबसे खतरनाक तूफान बताया जा रहा है. इसके कारण अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वाले 16 लोगों में से मयूरभंज से चार, व भुवनेश्वर, पुरी और जाजपुर में 3-3 एवं क्योंझर, नयागढ़ और केंद्र पाड़ा में एक -एक व्यक्ति शामिल हैं.
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इसरो की चेतावनी और पूर्वानुमान की वजह से ओडिशा के करीब 10,000 गांवो और 52 शहरी इलाकों में लोगों को सुरक्षित बचाया जा सका. 'फानी' तूफान से पहले ही 5000 से ज्यादा शेल्टर होम तैयार किए गए. IRSO ने इस काम के लिए 5 सैटेलाइट तैनात किए थे. ISRO की Insat-3D, Scatsat-1, Oceansat-2, Insat-3DR, और मेघा ट्रॉपिक्स इन उपग्रहों ने लगातार ओडिशा पर नजरें बनाए रखी ताकि पहले से तूफान से बचने की तैयारियां की जा सके. अगर इन उपग्रहों ने समय पर तूफान की पहचान नहीं की होती तो शायद स्थिति कुछ और होती.
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हर 15 मिनट में ISRO के उपग्रह दे रहे थे तूफान की नई जानकारी
बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान के ओडिशा पहुंचने से करीब 7 दिन पहले ही मौसम वैज्ञानिकों ने दक्षिणी हिंद महासागर में निम्न दबाव के चलते चक्रवाती तूफान आने की चेतावनी दी थी. ISRO के 5 उपग्रह लगातार इस पर नजर रख रहे थे. ये हर 15 मिनट पर ग्राउंड स्टेशन को नई जानकारी दे रहे थे. सुरक्षित स्थानों की जानकारी मिलते रहने से लोगों को प्रभावित इलाकों से निकालने में मदद मिली.
'फानी' के केंद्र से 1000 किमी के दायरे में छाए थे तूफानी बादल
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान 'फानी' के केंद्र से 1,000 किमी की दूरी तक के दायरे में तूफानी बादल छाए थे, लेकिन बारिश वाले बादल सिर्फ 100 से 200 किमी के रेंज तक ही थे. बाकी बादल करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर थे. INSAT सीरीज के उपग्रहों से पहले जो जानकारी मिली, उस पर बारीक नजर रखने के लिए Scatsat-1 को तैनात किया गया. उससे चक्रवाती तूफान के केंद्र पर नजर रखी गई. फिर Oceansat-2 के जरिए समुद्री सतह, हवा की गति और तूफान के दिशा के बारे में जानकारी मिलती रही.
Source : News Nation Bureau