भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने संस्थापक और मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के सम्मान में शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। इसरो ने 12 अगस्त को विक्रम साराभाई की 99वीं जयंती पर रविवार को इसकी घोषणा की। इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा कि अपने पहले अध्यक्ष और अंतरिक्ष कार्यक्रम के दूरदर्शी निर्माता डॉ विक्रम साराभाई की 2019-2020 के दौरान शताब्दी वर्ष मनाने की योजना बनाई है।
के सिवान ने कहा कि इस दौरान महान अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि देने के लिए अतंरिक्ष से संबंधित कई सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि साराभाई को श्रद्धांजलि देने के लिए सबसे पहले चांद पर पहुंचने वाले भारतीय अंतरिक्ष अभियान चंद्रयान-2 मिशन का नाम 'विक्रम' कर देगी। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण जनवरी 2019 में होगा।
सिवान ने बताया कि इसरो अगले साल 22 मिशन को लांच करने की योजना बना रही हैं वहीं अगले तीन सालों में इसरो का लक्ष्य 50 उपग्रहों को लांच करने का है। अभी चंद्रयान-2 को लांच करने की तारीख 3 जनवरी है लेकिन यह मार्च तक भी बढ़ सकती है।
इसके अलावा साराभाई को श्रद्धांजलि देने के लिए ISRO ने निर्णय लिया है कि देश के सुदूर इलाकों में युवाओं को शिक्षित करने के लिए अंतरिक्ष के कामों और विज्ञान के मुद्दों पर समर्पित एक टीवी चैनल भी लांच किया जाएगा।
विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले साराभाई ने 1947 में अहमदाबाद में ही भौतिक शोध प्रयोगशाला की स्थापना की थी जो इसरो की स्थापना का सूत्रधार बना।
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साराभाई को 1962 में शांतिस्वरुप भटनागर पुरस्कार मिला था। उन्हें 1966 में पद्म भूषण और मरणोपरांत 1972 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। साराभाई का निधन 30 दिसंबर 1971 को हुआ था।
Source : News Nation Bureau