भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शुक्रवार को दक्षिण एशिया उपग्रह जीसैट-9 लॉन्च करेगा।
जीसैट-9 को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल (जीएसएलवी-एमके द्वितीय) के जरिए आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
इसरो ने कहा कि जीसैट-9 की शुरुआत दक्षिण एशियाई देशों के कवरेज के साथ कू-बैंड में विभिन्न संचार अनुप्रयोगों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है।
आठ SAARC (साउथ एशियन असोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन) देशों में से सात देश इस परियोजना का हिस्सा हैं। सार्क देशों में भारत, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल और मालदीव शामिल है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को कहा था कि दक्षिण एशिया उपग्रह क्षेत्र की आर्थिक और विकास की प्राथमिकताओं के लिए अहम भूमिका निभाएगा।
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में उन्होंने कहा था, 'इस उपग्रह की क्षमता और सुविधाएं दक्षिण एशिया के आर्थिक और विकासात्मक प्राथमिकताओं से निपटने में काफी मददगार साबित होंगी।'
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उन्होंने कहा था, 'प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने, टेलीमेडिसीन, शिक्षा के क्षेत्र में लोगों के बीच संचार बढ़ाने में यह उपग्रह पूरे क्षेत्र की प्रगति में एक वरदान साबित होगा।'
इसरो ने कहा है कि जीसैट-9 मानक प्रथम-2के के तहत बनाया गया है। उपग्रह की मुख्य संरचना घनाकार है, जो एक केंद्रीय सिलेंडर के चारों तरफ निर्मित है। इसकी मिशन अवधि 12 साल से ज्यादा है।
एक अधिकारी के अनुसार, इसरो ने प्रायोगिक आधार पर उपग्रह को इलेक्ट्रिक पॉवर देने का फैसला किया है।
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Source : News Nation Bureau