ISRO International Space Station: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) स्पेस में एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल कर रही है. अब इसरो अंतरिक्ष अपना खुद का स्पेस स्टेशन स्थापित करने जा रहा है. यह भारत का पहला इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन होगा. इसरो को चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कल (शुक्रवार) को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसरो का ये स्पेश स्टेशन 2035 तक पूरी तरह से काम करने लगेगा. शुक्रवार को अहमदाबाद के साइंस सिटी में आयोजित भारतीय विज्ञान सम्मेलन के दौरान इसरो प्रमुख सोमनाथ ने इस बारे में जानकारी दी. इस कार्यक्राम का आयोजन विज्ञान भारती की ओर से कराया गया था. इस दौरान सोमनाथ ने कहा कि, अगले पांच सालों में हम अपना आईएसएस का पहला मॉड्यूल लॉन्च करेंगे.
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8 टन वजन का होगा ISS मॉड्यूल
एस. सोमनाथ के मुताबिक, भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के पहले मॉड्यूल का वजन 8 टन होगा. जो रोबोटिक होगा. उन्होंने बताया कि अभी इसरो का रॉकेट केवल 10 टन वजन ले जाने में सक्षम है. इसके लिए इसरो नया रॉकेट विकसित कर रहा है. जिसका क्षमता 20 से 1,215 टन वजन को अंतरिक्ष में ले जाने की होगी. इसके प्रमुख ने कहा कि, 2035 तक, हम इंसानों के साथ अंतरिक्ष में एक इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन भेजने में सक्षम हो जाएंगे. वहीं इसरो के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लेकर सोमनाथ ने कहा कि, सूर्य मिशन आदित्य एल-1 6 जनवरी को सूर्य के एल-1 प्वाइंट में प्रवेश करेगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसके प्रवेश का वीडियो हर किसी को देखने को मिलेगा.
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"मंगल और शुक्र पर भी जाएंगे हम"
इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने कहा कि, "देश के अमृत काल में अगले 25 सालों में हम अपना स्पेस स्टेशन स्थापरित करने जा रहे हैं. साथ ही कई सालों बाद हम मंगल, चंद्रमा और शुक्र पर जाएंगे." एस. सोमनाथ ने चंद्रयान-3 को लेकर कहा कि, "चंद्रयान-3 ने तकनीकी रूप से अपने देश को मजबूत बनाया है." उन्होंने कहा कि इस मिशन को दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी कम लागत में तैयार किया गया.
उन्होंने कहा कि ये हमारे देश की विशेषता है कि मन में कुछ करने का जज्बा और आत्मविश्वास हो तो हम लीडर की भूमिका में बने रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि पैसा इकट्ठा करने या बड़ी सेना रखने या फिर अच्छा व्यवसाय होने से विभिष्य का निर्माण नहीं किया जा सकता. बल्कि इसके लिए ज्ञान की शक्ति होने जरूरी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास टेक्नोलॉजी के जरिए धन पैदा करने का साथ हैं इसलिए वह श्रेष्ठ है.
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HIGHLIGHTS
- इसरो लॉन्च करेगा अपना इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन
- 2028 तक अंतरिक्ष में स्थापित होगा भारत का ISS
- 2035 में पूरी तरह से करने लगेगा काम
Source : News Nation Bureau