दिल्ली में कचरा प्रबंधन में लापरवाही से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाते हुए उनके दफ्तर से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है।
गुरुवार को उपराज्यपाल की तरफ से इस पर हलफनामा दायर किया गया और उसमें आर्टिकल 239AA का हवाला देते हुए बताया गया कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है और हम इस पर लगातार बैठक कर रहे हैं।
एलजी की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया कि दक्षिणी दिल्ली में ओखला, पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, और उत्तरी दिल्ली में लैंडफिल साइट्स है और इस पर लगातार बैठक हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट के जज उपराज्यपाल के इस जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे और कहा कि आप कितनी बैठक करते हैं इससे हमें मलतब नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसपर केंद्र सरकार से पूछा कि कितनी मीटिंग हुई उसके जगह हमें एक्शन की टाइमलाइन बताएं। कोर्ट ने कहा हमें इससे मतलब नहीं है कि आप एलजी है आपने बैठकें की।
मामले की सुनवाई कर रहे जजों ने कहा हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए और दिल्ली में कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे इस पर टाइमलाइन बताइए।
दिल्ली में कूड़े के बढ़ते अंबार पर याचिका देने वाले याचिकाकर्ता ने कहा था कि पहले बैठक में तय हुआ था कि हर दिन दो बार सफाई होगी। सफाई से संबंधित बैठक में न तो राज्यपाल आए और न ही उनका कोई प्रतिनिधि इसमें शामिल हुआ। इस पर कोर्ट ने उपराज्यपाल पर व्यंग करते हुए कहा, और ये कहते हैं कि I AM THE SUPERMAN
याचिकाकर्ता ने सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का नाम बेवसाइट पर डालने और सफाई नहीं होने पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की।
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सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सख्त नाराजगी दिखाते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुई ASG पिंकी आनंद से पूछा कि उपराज्यपाल ने हलफनामे में अधिकार और जिम्मेदारी की बात की है। कचरा और सफाई के मामले में उनकी जिम्मेदारी है या नहीं ?
इस पर पिंकी आनंद ने बताया कि हां एलजी को निर्देश देने का अधिकार है तो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनसे पूछा कि बताएं अभी तक कितने निर्देश जारी किए गए हैं।
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Source : News Nation Bureau